नई दिल्ली : 9 अगस्त 2025 यानी कल देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रंग-बिरंगी राखी बांधती है और उसके लिए मंगलकामनाएं करती हैं. इसके बदले भाई अपनी बहन को आजीवन उसकी रक्षा का वचन देता है और सामर्थ्य के अनुसार कोई उपहार भी देता है. इस साल रक्षाबंधन का त्योहार दो वजहों से बहुत खास माना जा रहा है. एक तो भद्रा काल नहीं है. और दूसरा ग्रहों के कुछ अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं.
रक्षाबंधन पर 4 ग्रह वक्री : ज्योतिष गणना के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर न्याय देव शनि, ग्रहों के राजकुमार बुध और पाप ग्रह राहु- केतु एक साथ वक्री रहने वाले हैं. मीन राशि में शनि वक्री हैं. कर्क राशि में बुध वक्री रहेंगे. कुंभ राशि में राहु तो सिंह राशि में केतु वक्री रहने वाला है. ज्योतिषविदों का कहना है कि ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग सालों बाद बनता दिखाई दे रहा है. यह संयोग वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ माना जा रहा है.
रक्षाबंधन पर बन रहे शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक.
सौभाग्य योग: 9 अगस्त को सुबह से शुरू होकर 10 अगस्त को तड़के 2 बजकर 15 मिनट तक.
शोभन योग: 10 अगस्त को तड़के 2 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक.
रक्षाबंधन की तारीख : हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 02.12 बजे से लेकर 9 अगस्त को दोपहर 01.24 बजे तक रहने वाली है. उदिया तिथि के कारण रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त दिन शनिवार यानी कल मनाया जाएगा.
रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं : इस साल रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा मुक्त रहने वाला है. इसलिए राखी बांधने के लिए बहनों को काफी वक्त मिलने वाला है. हालांकि सावन पूर्णिमा पर भद्रा रहेगी. लेकिन वो 9 अगस्त को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होने से पहले खत्म हो जाएगी. सावन पूर्णिमा पर भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 02.12 बजे से 9 अगस्त को देर रात 01.52 बजे तक रहेगी.
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त : रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहने वाला है. यानी भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए बहनों को करीब 7 घंटे 37 मिनट का समय मिलने वाला है. हालांकि इस बीच राहु का भी प्रभाव रहेगा, जो 9 बजकर 7 मिनट से लेकर 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस राहुकाल में बहनों को अपने भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए।