आसनसोल: आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी पर जामुड़िया के दरबा डांगा घाट में पंप हाउस के निरीक्षण के दौरान बालू माफियाओं द्वारा हमला किए जाने के बाद इलाके में राजनीतिक भूचाल आ गया है।
हमले के ठीक अगले दिन, जितेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों पर ही एफआईआर दर्ज होने की खबर सामने आई, जिससे सियासी पारा और चढ़ गया। इस पूरे घटनाक्रम ने बीजेपी और टीएमसी के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

💥 “FIR राजनीति से प्रेरित!” – जितेंद्र तिवारी का बड़ा बयान
इस मामले में जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जानबूझकर केस दर्ज कराया गया है, ताकि उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा,
“हम पर हमला हुआ और शिकायत हमारे ही खिलाफ दर्ज कर दी गई, यह राजनीति की पराकाष्ठा है।”
💬 “हमने कोई एफआईआर नहीं करवाई” – मेयर विधान उपाध्याय की सफाई

इस पूरे विवाद पर जब आसनसोल नगर निगम के वर्तमान मेयर विधान उपाध्याय से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने साफ किया कि नगर निगम के किसी भी कर्मचारी ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। उनका कहना था,
“यह सब सिर्फ प्रचार पाने का तरीका है। अगर किसी को कोई शिकायत थी, तो उसे सही जगह दर्ज करवाना चाहिए था।”

🔥 पूर्व और वर्तमान मेयर के बीच सियासी जंग!

इस बयानबाजी के बाद पूर्व और वर्तमान मेयर के बीच राजनीतिक जंग खुलकर सामने आ गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा आसनसोल की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है।
अब देखना यह है कि यह विवाद सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहेगा या कानूनी लड़ाई का रूप लेगा। क्या यह मामला आसनसोल के राजनीतिक समीकरणों को बदल देगा? या फिर यह केवल चुनावी हथकंडा साबित होगा?











