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गाने के लिए मिली सज़ा, पुलिसकर्मी ने नौकरी खोकर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

RG KAR के लिए गाना गाना पुलिसकर्मी को पड़ा महंगा, जानें कैसे

पश्चिम बंगाल के बेलघरिया पुलिस स्टेशन में ट्रैफिक होम गार्ड के रूप में काम कर रहे काशीनाथ पांडा (38) का आरोप है कि उन्हें RG KAR के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए गाना गाने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद, न्याय न मिलने पर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। काशीनाथ का कहना है कि उन्हें बिना किसी शिकायत के बार-बार अक्टूबर की शुरुआत से ही पूछताछ की गई और फिर 10 अक्टूबर को बिना किसी कारण बताए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

नौकरी से निकाले जाने के बाद पुलिसकर्मी पहुंचे कोर्ट

सूत्रों के अनुसार, हावड़ा के डोमजूर निवासी काशीनाथ पांडा पिछले पांच वर्षों से बेलघरिया पुलिस स्टेशन में ट्रैफिक होम गार्ड के रूप में काम कर रहे थे। 21 अगस्त को जब पूरे देश में RG KAR घोटाले को लेकर बवाल मचा हुआ था, तब काशीनाथ ने इस घटना के खिलाफ एक गाना गाया और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

काशीनाथ का दावा, बिना किसी वजह के निकाला गया नौकरी से

काशीनाथ का आरोप है कि गाना पोस्ट करने के बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। अक्टूबर की शुरुआत से ही उन्हें बिना किसी शिकायत के बार-बार पूछताछ की जा रही थी और फिर 10 अक्टूबर को बिना किसी कारण नौकरी से निकाल दिया गया।

मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को

पूजा अवकाश बेंच के जज पार्थ सारथी सेन ने इस केस को दायर करने की अनुमति दी है। काशीनाथ के वकील ने दावा किया कि किसी व्यक्ति के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है। लेकिन इस अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है। उनका स्पष्ट सवाल है कि क्या पुलिस में काम करते हुए किसी घटना के खिलाफ विरोध करना गलत है? इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

ghanty

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