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चीनी विदेश मंत्री से मिले PM मोदी, भारत को फर्टिलाइजर और रेयर-अर्थ मेटल देने को तैयार चीन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से अपने आवास पर मुलाकात की. इससे पहले, राजधानी में वांग यी के साथ कई उच्चस्तरीय वार्ताएं हुई थीं. इस दौरान नई दिल्ली और बीजिंग एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

टॉप चीनी अधिकारी की प्रधानमंत्री के साथ बैठक से पहले दिन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनकी उच्च स्तरीय वार्ता हुई थी. इधर, चीन भारत को रेयर अर्थ मटेरियल देने पर तैयार हो गया है. जुलाई में चीन में इस पर रोक लगा दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक वांग यी ने जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत को खाद, रेयर अर्थ मटेरियल और टनल बोरिंग मशीन की सप्लाई करेगा. वांग यी ने कहा- दुनिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं। फ्री ट्रेड और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. भारत और चीन, जो सबसे बड़े विकासशील देश हैं और जिनकी आबादी मिलकर 2.8 अरब से ज्यादा है, उन्हें जिम्मेदारी दिखाते हुए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए. वांग यी की भारत यात्रा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से कुछ दिन पहले हुई है. इसे इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 फीसदी कर दिए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है, जिसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 फीसदी का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है.

मोदी बोले- SCO बैठक का बेसब्री से इंतजार

चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई. पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मेरी मुलाक़ात के बाद से, भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ लगातार प्रगति हुई है. मैं शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली हमारी अगली मुलाक़ात का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं. भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.”

‘एलएसी पर कायम है शांति और सौहार्द…’

विशेष प्रतिनिधि (SR) मकैनिज्म के ढांचे के तहत हुई वार्ता के दौरान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन संबंधों में ‘उन्नति’ हुई है, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और सौहार्द कायम है, जो 2020 के गलवान घाटी संघर्ष से शुरू हुए गंभीर तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों द्वारा नए सिरे से किए जा रहे कोशिशों का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “सीमाएं शांत हैं, शांति और सौहार्द बना हुआ है और हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी मज़बूत हुए हैं.” डोभाल ने औपचारिक रूप से यह भी ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के मद्देनजर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता ‘बहुत विशेष महत्व’ रखती है.

चीन के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने बयान में कहा, “दोनों पक्षों को स्ट्रैटेजिक बातचीत के जरिए आपसी यकीन बढ़ाना चाहिए और सहयोग के साथ साझा हितों का विस्तार करना चाहिए. इसके साथ ही बॉर्डर पर तमाम मुद्दों का समाधान करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सीमा पर अब जो स्थिरता बहाल हुई है, उसे देखकर हमें खुशी हो रही है. उन्होंने आगे कहा, “अब, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का एक अच्छा मौका है. चीनी पक्ष एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री की चीन यात्रा को बहुत महत्व देता है.”

ghanty

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