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पांडवेश्वर में ईसीएल अधिकारियों और विधायक की मिलीभगत से कोयला लूट? जितेंद्र तिवारी के सनसनीखेज आरोप

पांडवेश्वर : पांडवेश्वर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने आज आसनसोल स्थित भाजपा जिला कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) अधिकारियों पर जोरदार हमला बोला।
उनके साथ भाजपा के आसनसोल जिला अध्यक्ष देवतनु भट्टाचार्य भी मौजूद रहे।

जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया कि झांझरा कोल परियोजना में भारी स्तर पर कोयले की अवैध तस्करी हो रही है, जिसमें सीधे तौर पर टीएमसी विधायक और पश्चिम बर्धमान के टीएमसी जिलाध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती की भूमिका है।

अवैध कारोबार के दो बड़े तरीके उजागर

तिवारी ने बताया कि अवैध कारोबार मुख्यतः दो तरीकों से किया जा रहा है:

  1. ओवर रिपोर्टिंग: जितना कोयला निकाला जाता है, उससे अधिक का रिकॉर्ड दिखाया जाता है।
  2. कोयला तस्करी: कोयला माफियाओं के जरिये बड़े पैमाने पर कोयला चोरी करवाई जाती है।

उन्होंने सनसनीखेज खुलासा किया कि मार्च महीने में जब कोयले का सालाना हिसाब होता है, उस समय वजन सही दिखाने के लिए झांझरा प्रोजेक्ट में ब्लैक कोल डस्ट मिलाकर कोयले की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया।

वीडियो और सबूत भाजपा के पास!

जितेंद्र तिवारी ने दावा किया कि अब उनके पास कोयले में ब्लैक डस्ट मिलाने के वीडियो समेत कई अन्य सबूत भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वे अब इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेंगे और जल्द ही ECL के CMD, आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर, और अन्य शीर्ष अधिकारियों से इस भ्रष्टाचार की शिकायत करेंगे।

कार्रवाई की मांग

तिवारी ने मांग की कि:

  • जांच पूरी होने तक झांझरा प्रोजेक्ट के जनरल मैनेजर को तत्काल हटाया जाए।
  • पूरे प्रोजेक्ट में निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।

भाजपा ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ेंगे।

नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती का पलटवार

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि भाजपा अपनी गिरती साख को बचाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने साफ कहा कि उनका या उनकी पार्टी का किसी भी अवैध कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है।

ईसीएल की चुप्पी

इस पूरे मामले में अब तक ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) अधिकारियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे सवाल और भी गहराते जा रहे हैं।

ghanty

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