कोलकाता : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी विधानसभा की मतदाता सूची में एक पाकिस्तानी नागरिक का नाम शामिल होने का आरोप लगा है. बैरकपुर के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के कराची निवासी महिला का नाम मतदाता सूची में है. उन्होंने सवाल उठाया कि पड़ोसी देश के नागरिक का नाम नैहाटी की मतदाता सूची में कैसे आ गया? बंगाल में जल्द ही चुनाव आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने वाला है. उससे पहले इस आरोप से राज्य की सियासत गरमा गई है.
सलेया खातून, नैहाटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एटी घोष लेन की निवासी हैं. हालांकि, नैहाटी की निवासी होने के बावजूद, वह जन्म से पाकिस्तानी नागरिक हैं.
भाजपा नेता और पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद, सलेया बंगाल में मतदाता हैं. उन्होंने कहा, ‘वह एक पाकिस्तानी नागरिक हैं. वह कराची से यहां आई थीं. उनकी बेटी के पास भी पाकिस्तानी पासपोर्ट है, लेकिन बंगाल आने के बाद वो भारतीय हो गईं. “
अर्जुन सिंह ने की गिरफ्तारी की मांग
अर्जुन सिंह पहले ही ईमेल के जरिए सलेया खातून के पाकिस्तानी नागरिकता के दस्तावेज चुनाव आयोग और गृह विभाग को भेज चुके हैं. उनका दावा है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करके वापस भेजा जाना चाहिए. यही आरोप आजाद मलिक पर भी लगा था, जो हाल ही में राज्य में फर्जी पासपोर्ट मामले में शामिल थे. आजाद ने पिछले साल विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में मतदान किया था, लेकिन बंगाल का मतदाता होने के बावजूद, वह जन्म से पाकिस्तानी नागरिक थे. उन्होंने ईडी की पूछताछ में यह बात स्वीकार की थी.
तृणमूल विधायक ने भी स्वीकारा तथ्य
नैहाटी के तृणमूल विधायक सनत दे ने इस बात से इनकार नहीं किया कि नैहाटी की ‘मतदाता’ सलेया का पाकिस्तानी कनेक्शन है. उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग वोटर कार्ड देता है. उन्हें देखना चाहिए कि मामला क्या है. यह सच है कि सलेया पाकिस्तान की निवासी हैं. जिस व्यक्ति से उन्होंने शादी की, वह काम के सिलसिले में दुबई में रहता था. 28 साल पहले उनसे शादी करने के बाद वह इस राज्य में आई थीं. अब उन्हें देखना है कि वोटर कार्ड नकली है या असली.
1991 में काराची से भारत आई थी सलेया खातून
सलेया के घर जाने पर उसके पति मोहम्मद इमरान सलेया को कैमरे के सामने लाने को तैयार नहीं हुए. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि उनकी पत्नी पाकिस्तानी है. उन्होंने कहा, ‘वह 1991 में कराची से यहां आई थीं. उनका नाम 2008 से पहले मतदाता सूची में था. तब से वह वोट देती आ रही थीं. सलेया का पासपोर्ट हाल ही में प्रशासन ने रद्द कर दिया था. राजनयिक तनाव के कारण, उनका वीजा नवीनीकृत नहीं किया गया था. वह अवैध रूप से बंगाल में रह रही हैं. हालांकि, उनके परिवार की मांग है कि प्रशासन मानवीय कारणों से उन्हें वैध पासपोर्ट दे यानी सलेया भारतीय नागरिकता चाहती हैं.