39 साल की तपस्या पूरी, पढ़ाशकोल को मिला सांस्कृतिक मंच का वरदान

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पांडवेश्वर (आसनसोल): पढ़ाशकोल गांव के इतिहास में रबिबार का दिन एक सुनहरे अध्याय के रूप में दर्ज हो गया, जब 1986 से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हुई और गांव को मिला स्थायी सांस्कृतिक मंच। अब तक गांव के सभी कार्यक्रम अस्थायी और बांस-तंबू के मंचों पर ही होते आए थे, जिससे हर साल ग्रामीणों को आयोजन में असुविधा होती थी।

🌟 विधायक निधि से बना बहुप्रतीक्षित मंच

गांववालों की इस लगातार मांग को देखते हुए स्थानीय विधायक ने अपनी विधायक निधि से मंच निर्माण की स्वीकृति दी। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सोमवार को हुआ भव्य उद्घाटन समारोह, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

🎭 सांस्कृतिक गतिविधियों को मिलेगा नया मंच

स्थायी मंच के बनने से गांव में नाटक, संगीत, पूजा पंडाल कार्यक्रम, और उत्सव जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। युवाओं में भी कला के प्रति रुचि बढ़ेगी।

👏 गांव में खुशी की लहर

गांववालों ने ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक गीतों के साथ मंच का स्वागत किया। बुजुर्गों की आंखों में खुशी के आंसू थे, जिन्होंने तीन पीढ़ियों तक इस मंच का सपना देखा था।

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