नियामतपुर/पश्चिम बर्धमान:
कुल्टी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नियामतपुर न्यू रोड से लेकर इस्को बायपास होते हुए डिसेरगढ़ ब्रिज तक जाने वाली करीब 6 किलोमीटर लंबी सड़क पिछले डेढ़ साल से पूरी तरह जर्जर स्थिति में है। हर तरफ गड्ढे, कीचड़ और उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण यह सड़क मौत के रास्ते में तब्दील हो गई है।
विशेषकर बरसात के मौसम में यह रास्ता जानलेवा बन जाता है।
⚠️ हादसा टला, पर खतरा बना हुआ है!
मंगलवार को जब एक पत्रकार टोहरम इलाके में सड़क की हालत की रिपोर्टिंग कर रहे थे, उसी दौरान एक टोटो वाहन बड़ा गड्ढा देखकर असंतुलित होकर गिर गया, जिसमें एक महिला सवार थीं। सौभाग्य से महिला को गंभीर चोट नहीं लगी। कुछ ही देर बाद एक मोटरसाइकिल भी फिसलते-फिसलते बची, वरना एक और दुर्घटना हो सकती थी।
👁️ स्थानीय लोगों की दास्तां: “हर दिन 15-20 एक्सीडेंट आम बात हो गई है”
टोहरम के एक स्थानीय दुकानदार ने बताया,
“हर दिन कम से कम 20 वाहन गिरते हैं। हम तो अब लोगों को चेतावनी देने के लिए खुद सड़क किनारे खड़े रहते हैं।”
उन्होंने बताया कि बाइक, साइकिल, ऑटो, यहां तक कि एम्बुलेंस तक इस रास्ते पर उलझ जाती हैं।
📢 लोगों ने कई बार की शिकायत, लेकिन प्रशासन चुप
स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों ने पिछले कई महीनों में बार-बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन न तो कोई अधिकारी निरीक्षण पर आया और न ही कोई मरम्मत कार्य शुरू हुआ।
अब हालात ये हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चे, ऑफिस जाने वाले कर्मचारी और मरीज सब खतरों के साये में चल रहे हैं।
🌧️ बरसात ने और बिगाड़ा हाल
बारिश के कारण गड्ढों में पानी और कीचड़ भर गया है, जिससे सड़क और भी फिसलन भरी और जोखिम भरी बन चुकी है। न सड़क के किनारे नालियां साफ हैं, न ही जल निकासी की कोई योजना दिखाई दे रही है।
🔎 सवाल उठते हैं…
- क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है?
- क्यों डेढ़ साल से सड़क की मरम्मत नहीं हुई?
- जब जनता टैक्स देती है, तो फिर ये हाल क्यों?
📝 निष्कर्ष:
नियामतपुर से डिसेरगढ़ तक की यह सड़क सिर्फ रास्ता नहीं, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता का आईना बन चुकी है।
अब वक्त आ गया है कि सरकार और प्रशासन जागे, नहीं तो यह सड़क किसी दिन किसी की जान ले लेगी।