हिंदी साहित्य के कलमकार ‘उपन्यास सम्राट’ मुंशी प्रेमचंद की 145वी जयंती के उपलक्ष्य पर आसनसोल नगर निगम द्वारा एक कार्यक्रम कर उनकी जयंती मनाई गई l आसनसोल नगर निगम कार्यालय सामने उनके स्टेचू पर माल्यादान कर उन्हें याद किया गया l इस मौक़े पर चैयरमेन अमरनाथ चटर्जी, एमएमआईसी गुरुदास चटर्जी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे l सभी ने बारी बारी मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर माल्यदान किया l अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद एक सहित्यकार ही नहीं थे, वे एक विचारक भी थे l उस वक़्त समाज में नई चेतना का अलख जगाने वाले साहित्यकार थे l गरीब, मजदूर, दबे -कुचले लोगों की व्यथा को साहित्य के माध्यम से उठाकर लोगों में फैली भेद भाव को मिटाने वाले समाज सुधारक थे l