शहादत, श्रद्धा और शौर्य का अद्वितीय संगम बना जमुरिया का मोहर्रम आयोजन
जमुरिया | पश्चिम बर्दवान:
शनिवार की रात जमुरिया की सड़कों पर मोहर्रम के मौके पर आस्था, अनुशासन और अद्भुत शौर्य का नज़ारा देखने को मिला। जैसे ही ताजियों के जुलूस के साथ अखाड़ों की टोलियां निकलीं, सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर तरफ नारे, मातम और करतबों की गूंज ने माहौल को श्रद्धा और रोमांच से भर दिया।
🔥 हवा में लाठियां, आग के घेरे, और धधकते करतब!
अखाड़ों में युवाओं ने लाठी चलाना, आग के गोले से खेलना, तलवारबाज़ी और पारंपरिक युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर सभी को रोमांचित कर दिया। बच्चों ने जहां अपने साहसिक करतबों से सबको चौंका दिया, वहीं युवा प्रतिभाओं ने न केवल अनुशासन बल्कि संस्कृति की गहराई को भी दर्शाया।
हर अखाड़ा अपनी विशिष्ट पोशाक, तालमेल और अनुशासित प्रस्तुति के कारण अलग पहचान लिए हुए था। तालियों की गूंज और ‘हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
👮♂️ कड़ी सुरक्षा, बेहतरीन प्रबंधन
जमुरिया पुलिस प्रशासन की सतर्कता भी देखने लायक रही। हर चौराहे पर पुलिस बल, ट्रैफिक डायवर्जन और स्वयंसेवकों की मदद से जुलूस को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराया गया। महिला सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई थी, जिससे महिलाओं को कोई परेशानी न हो।
🤝 जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का सराहनीय सहयोग
कई स्थानों पर स्थानीय सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और व्यवसायियों ने पेयजल, शरबत और लंगर की व्यवस्था कर श्रद्धालुओं की सेवा की। इस एकजुटता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जमुरिया भाईचारे और परंपरा का अद्भुत केंद्र है।