सालानपुर, पश्चिम बर्दवान – सालानपुर थाना क्षेत्र की एक दसवीं कक्षा की छात्रा के अचानक गायब होने और फिर हाथ बंधे, रोती हुई उसकी वायरल वीडियो के कारण पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। लोग इसे एक “सोच-समझकर किया गया अपहरण” मान रहे थे। पर अब पुलिस जांच में चौंकाने वाला सच सामने आया है – यह अपहरण नहीं बल्कि एक डर और संयोग का नतीजा था।
वायरल वीडियो में लड़की रोते हुए अपने पिता से बात कर रही थी, जिसके हाथ बंधे हुए दिख रहे थे। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलकर सनसनी मचा दी। लोगों ने तुरंत इसे गंभीर अपराध मानते हुए पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
📍लेकिन पुलिस की तत्परता रंग लाई।
सालानपुर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और नासिक पुलिस की मदद से छात्रा को नासिक से बरामद कर लिया। पूछताछ में जो कहानी सामने आई, वो हैरान करने वाली थी।
👧 छात्रा ने क्या बताया?
छात्रा ने बताया कि परीक्षा में कम नंबर आने के डर से वह पिता की डांट से घबरा गई थी। बिना किसी को बताए वह घर से निकल गई। उसका इरादा अपने किसी रिश्तेदार के पास जाने का था, लेकिन गलती से वह गलत ट्रेन में चढ़ गई और नासिक जा पहुंची।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जो वीडियो वायरल हुआ था, वह छात्रा ने खुद बनाकर अपने एक जानने वाले को भेजा था, ताकि घरवाले डर जाएं और उसे खोजने लगें। यह एक अपरिपक्व भावनात्मक प्रतिक्रिया थी, जिसे अपहरण का रंग दे दिया गया।
सोमवार को पुलिस ने छात्रा को सालानपुर लाकर कोर्ट में पेश किया, जहां सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उसे माता-पिता को सौंप दिया गया।
👮 पुलिस की भूमिका सराहनीय
इस घटना में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र पुलिस के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला। तेज़ी से जांच करते हुए बच्ची को सुरक्षित वापस लाना पुलिस की सक्रियता और संवेदनशीलता का प्रतीक है।
🔍 निष्कर्ष:
यह घटना बताती है कि कैसे सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बिना पूरी सच्चाई के अफवाह बन सकते हैं। वहीं, यह भी दर्शाता है कि बच्चों पर परीक्षा और अभिभावकों की अपेक्षाओं का दबाव कितना गंभीर हो सकता है।
📣 यह कहानी सिर्फ एक ‘मिसिंग केस’ नहीं, बल्कि एक सीख भी है — संवाद, समझ और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।