सूडान में भयावह भूस्खलन, 1000 लोगों की मौत; दारफुर का पूरा गांव तबाह

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खार्तूम : सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में भूस्खलन के कारण 1000 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस देश पर नियंत्रण रखने वाले विद्रोही समूह- सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी ने बताया कि कई दिनों की भारी बारिश के बाद तारासिन गांव में भूस्खलन हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये गांव मध्य दारफुर के मर्राह पर्वतों के बीच है। इसे हाल के कुछ वर्षों की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा माना जा रहा है।

गांव में रहने वाले लगभग सभी लोगों की मौत

सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तारासिन गांव में रहने वाले लगभग सभी लोगों की मौत हो चुकी है। केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा है। अनुमान है कि लगभग एक हजार लोग मारे गए हैं। गांव पूरी तरह से तबाह हो चुका है।

राहत और बचाव कार्य चलाने में मदद और मलबे के नीचे दबे शवों को बरामद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों से गुहार लगाई गई है।

मानवीय सहायता की अपील

संगठन ने संयुक्त राष्ट्र, क्षेत्रीय संस्थाओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तत्काल मानवीय सहायता भेजने की अपील की है। भूस्खलन से प्रभावित इलाका दुर्गम और सुदूर है, जिससे राहत कार्य बेहद मुश्किल हो रहा है।

संघर्षग्रस्त क्षेत्र में नई त्रासदी

यह इलाका वर्तमान में सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी के नियंत्रण में है, जो सूडानी सेना के साथ मिलकर अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेज़ (RSF) के खिलाफ लड़ रही है। गृहयुद्ध के चलते पहले से ही हजारों लोग विस्थापित होकर मर्रा पर्वत की शरण ले चुके थे। अब इस प्राकृतिक आपदा ने हालात और बदतर बना दिए हैं।

युद्ध और भुखमरी की मार

अप्रैल 2023 में सेना और RSF के बीच छिड़े संघर्ष ने देश को भुखमरी और जनसंहार की स्थिति में धकेल दिया है। अमेरिका के एक अधिकारी के अनुसार, 2023 से अब तक लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 1.2 करोड़ लोग अपने घर छोड़कर विस्थापित होने पर मजबूर हुए हैं। दारफ़ुर क्षेत्र में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं और मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लग रहे हैं।

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