वह कभी तृणमूल के वफादार सिपाही थे। आज वही शुभेंदु अधिकारी राज्य में विपक्ष के नेता हैं। पूर्वी मेदिनीपुर के तमलुक के निमतौरी के मंच पर खड़ी होकर ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी पर तोप दागा l उन्होंने भर्ती भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने चुनौती दी और कहा- ‘साधुगिरी निकालेंगे’।
यह भी आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग करके सत्तारूढ़ दल को बदनाम किया जा रहा है। ममता ने बिना नाम लिए एक अमीर परिवार के मेज़ो बेटे को ‘गद्दारबाबू’ भी कहा है। उन्होंने दावा किया, ”दिल्ली ने अपनी ताकत और एजेंसी दिखाकर तृणमूल को बदनाम किया है.” चुनाव आते-जाते रहेंगे, हम रहेंगे। गद्दारबाबू गद्दारों के साथी।
मैं नाम नहीं बोलूंगी l नाम कहने में शर्म आती है। पार्टी से सबसे ज्यादा फायदा मिला, खा लिया। उसके बाद लंका की घटना की तरह खुद ही पकड़ लिया गया तो दरबार में आग लगा दी और गरीब बच्चों की मेहनत खाकर साधु बनकर बैठ गया। ममता ने चेतावनी दी, ”मैं इस साधुगिरी को बाहर कर दूंगी.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “सच्चे संत का सम्मान करें।
मैं उन लोगों का सम्मान नहीं करती जो संत का भेष धारण करते हैं और बेईमानी करते हैं।” इसके अलावा ममता ने केंद्रीय अभाव के मुद्दे पर भी तंज कसा l आनेवाले चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी आक्रमक रुख अपना रही है l