[metaslider id="6053"]

आसनसोल में सिख एकता की ऐतिहासिक मिसाल, गुरुद्वारा विवाद सुलझा

आसनसोल:
सिख समुदाय ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आपसी समझदारी, भाईचारे और “गुरु की हजूरी” में लिए गए फैसले किसी भी कानूनी लड़ाई से कहीं अधिक प्रभावी हो सकते हैं। आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नेतृत्व में एमएएमसी गुरुद्वारा विवाद का वर्षों पुराना मुद्दा शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया।

गुरु महाराज की हजूरी में लिया गया ऐतिहासिक फैसला

बेनाचिटी, अडाल, बहुला, माया बाजार, श्रीपुर, गायघाटा, उखड़ा, पानागढ़ सहित कई गुरुद्वारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दुर्गापुर एमएएमसी गुरुद्वारा विवाद को सर्वसम्मति से समाप्त कर एक नई संयुक्त प्रबंधन कमेटी का गठन किया गया।

🛕 अब कोई कोर्ट केस नहीं, गुरु की अदालत में फैसला

तरसेम सिंह, सचिव, आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बताया, “दोनों पक्षों ने गुरु महाराज की हजूरी में प्रण लिया है कि वे कोर्ट केस वापस लेंगे और भविष्य में कोई भी विवाद केवल संगत और कमेटी की मौजूदगी में सुलझाया जाएगा।”

साथ ही, गुरुद्वारा की सेवादारनी और भाड़ेदारों ने भी दो महीने में जगह खाली करने की सहमति दी है।

👏 नई संयुक्त कमेटी का गठन: भाईचारे की मिसाल

संयुक्त अध्यक्ष:

  • सरदार चनमीत सिंह (चन्नी गिल)
  • सरदार कुलदीप सिंह

संयुक्त सचिव:

  • सरदार सतबीर सिंह
  • सरदार कश्मीर सिंह

संयुक्त कोषाध्यक्ष:

  • सरदार दिलेर सिंह
  • सरदार सतनाम सिंह

सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को सिरोपाव देकर सम्मानित किया गया और संगत ने “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारे लगाए।

🙏 एक महीने में हटेगा कोर्ट केस, बना आपसी समाधान का नया मॉडल

इस समझौते को सिख समाज में आपसी विवाद सुलझाने के आदर्श मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। बिना किसी कानूनी हस्तक्षेप के, सिर्फ संगत, सेवा और समझ के माध्यम से सुलह की यह मिसाल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

ghanty

Leave a comment