राजनीतिक रिश्तों में बदलाव? दिलीप-ममता की मुलाकातों पर उठे सवाल

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कोलकाता | विशेष संवाददाता
पश्चिम बंगाल की राजनीति में अक्सर एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के बीच हाल ही में एक अनपेक्षित पर दिलचस्प घटना सामने आई है। दरअसल, दिलीप घोष की शादी के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें पत्र लिखकर शुभकामनाएं दीं।

पत्र में ममता बनर्जी ने दिलीप घोष को “नए जीवन अध्याय की शुरुआत” के लिए हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य, सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। यह पहल राजनीति से इतर एक मानवीय संबंध की मिसाल के रूप में देखी जा रही है।

🔥 राजनीति में नरमी या रणनीति?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि बंगाल की बदलती राजनीतिक हवा का संकेत भी हो सकता है। दिलीप घोष हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे थे और उसके बाद दीघा के जगन्नाथ मंदिर में भी देखे गए, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं।

📜 दिलीप घोष ने क्या कहा?

पत्र मिलने के बाद दिलीप घोष ने पत्रकारों से कहा:

“यह एक शालीन और सौहार्दपूर्ण पहल है। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, पर व्यक्तिगत जीवन में हम सब इंसान हैं।”

🧩 क्या बदलेगा बंगाल का राजनीतिक समीकरण?

यह घटना एक तरफ मानवीय संबंधों को उजागर करती है, वहीं दूसरी तरफ यह सवाल भी उठाती है—क्या बंगाल की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं? क्या यह कोई संकेत है या सिर्फ एक औपचारिकता?

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