कोलकाता : पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने पिछले पांच वर्षों में देश की शीर्ष अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 65 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा खर्च किया है. बंगाल सरकार ने अपने नेताओं और नौकरशाहों को विवादों से बचाने के लिए यह अपार पैसा खर्च किया है. एक RTI के जवाब से इस चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ है. यह जानकारी हावड़ा के नागरिक अमिताभ चौधरी की ओर से दायर की गई RTI में सामने आई है. जिसका जवाब कानूनी सेवा विभाग, पश्चिम बंगाल द्वारा उपलब्ध कराया गया है.
बड़े-बड़े वकीलों को दिए गए करोड़ों
RTI के मुताबिक अप्रैल 2019 से लेकर अप्रैल 2024 के दौरान ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लड़े जाने वाले मुकदमों के लिए कुल 51 वकील नियुक्त किए. इन पर खर्च की गई राशि का ब्योरा चौंकाने वाला है, जिसमें देश के दो बड़े वकीलों को 30 करोड़ रुपये दिए गए.
🔹डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी: सबसे ज्यादा 22 करोड़, 17 लाख, 50 हजार रुपये की फीस दी गई.
🔹कपिल सिब्बल: उन्हें 7 करोड़, 45 लाख, 80 हजार रुपये का भुगतान किया गया.
किन मामलों में दी गई मोटी फीस
सरकार की ओर से नियुक्त किए गए वकीलों ने सरकार की तरफ से कोयला घोटाला, मवेशी घोटाला, एसएससी घोटाला, सारदा और नारदा जैसे उच्च-प्रोफाइल मामलों की पैरवी की. इस खर्चे पर विपक्ष भी सवाल उठा रहा है और ममता सरकार को घेरने में लगा है.
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस बड़े खर्चे पर राजनीती भी शुरू हो गई है. TMC के पूर्व सांसद और पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी जवाहर सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला है. जवाहर सरकार ने कहा, “ममता बनर्जी तानाशाह बन गई हैं. उन्होंने जनता के 65 करोड़ रुपये उन मामलों में खर्च कर दिए, जिनमें वह डीए (भत्ता) तक देने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कोयला घोटाला, मवेशी घोटाला, एसएससी घोटाला जैसे मामलों में पैसा लगाया. हमें याद रखना चाहिए कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप केस और कसबा लॉ कॉलेज रेप केस जैसे मामले अप्रैल 2024 के बाद हुए हैं. इन सब मामलों का कुल खर्च आसानी से 100 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा.”
बंगाल सरकार के मंत्री ने आरोपों पर दी प्रतिक्रिया
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की तरफ से मंत्री शशि पांजा ने कहा कि यह खर्च करना जायज है, क्योंकि सरकार को न्याय के लिए लड़ने का भी अधिकार है. शशि पंजा ने कहा, “क्या पैसा खर्च हो रहा है, इसलिए हम मुकदमे नहीं लड़ेंगे? उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केंद्र सरकार… क्या वे करोड़ों रुपये मुकदमे लड़ने में नहीं खर्च कर रहे? मैं इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, लेकिन सरकार द्वारा खर्च किया गया हर पैसा जनता का ही पैसा है. हमें मुकदमे लड़ने का अधिकार है.”

















