माँ कैंटीन: ममता दीदी की रसोई बनी गरीबों की सबसे बड़ी उम्मीद

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आसनसोल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना ‘माँ कैंटीन’ अब एक जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है। यह योजना खासतौर पर गरीब, वंचित और जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। मात्र ₹5 में चावल, दाल, सब्जी और अंडे सहित संतुलित भोजन उपलब्ध कराकर राज्य सरकार ने सामाजिक कल्याण की मिसाल पेश की है।

📍 6 माँ कैंटीनें सक्रिय, रोजाना सैकड़ों लाभार्थी

आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में फिलहाल 6 माँ कैंटीनें सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। जमुरिया, रानीगंज, कुल्टी और अब जिला अस्पताल तक इनका विस्तार हो चुका है।

डिप्टी मेयर वसीम उल हक़ ने बताया:

“यह सिर्फ भोजन नहीं, सम्मान है। राज्य सरकार चाहती है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। मुख्यमंत्री का यह सपना अब सच्चाई बन रहा है।”

उन्होंने आगे बताया कि सिर्फ आसनसोल जिला अस्पताल की माँ कैंटीन में प्रतिदिन 300 से अधिक लोग भोजन कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर दूरदराज से आए गरीब मरीज़ व उनके परिजन हैं।

🍛 ‘माँ कैंटीन’ के पीछे उद्देश्य और सफलता की कहानी

  • लक्ष्य: कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए
  • शुरुआत: नवम्बर 2021 से
  • दाम: सिर्फ ₹5
  • सामग्री: चावल, दाल, सब्जी, अंडा/सोया
  • लाभार्थी: लाखों लोग प्रतिदिन
  • स्थान: प्रमुख शहरी क्षेत्रों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों आदि में
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