आसनसोल: लाइफ लाइन अस्पताल में इलाज में लापरवाही के आरोप को लेकर परिजनों का हंगामा देखने को मिला। उत्तर धधका निवासी साधन पाल को पाइल्स ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन उनकी बेटी पूजा पाल का आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण उनके पिता की हालत गंभीर हो गई।
⚠️ इलाज में लापरवाही या संयोग? मरीज को हुआ ब्रेन स्ट्रोक!

पूजा पाल ने बताया कि जब उन्होंने अपने पिता को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की कोशिश की, तो उन्हें पता चला कि साधन पाल को दो बार ब्रेन स्ट्रोक हो चुका है। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें दुर्गापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ब्रेन सर्जरी करनी पड़ी।
पूजा पाल ने लाइफ लाइन अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके पिता की हालत बिगड़ी और अब इसका पूरा खर्च अस्पताल को उठाना चाहिए।

🏥 मरीजों के परिजनों का गुस्सा, अस्पताल पर कई आरोप
इस घटना के बाद अन्य मरीजों के परिजनों ने भी अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में सही इलाज नहीं दिया जा रहा और मरीजों को अनावश्यक रूप से लंबे समय तक रोका जा रहा है।
🛑 अस्पताल प्रशासन की सफाई

लाइफ लाइन अस्पताल के जीएम आलोक मित्रा ने इन सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि मरीज के परिजन खुद अस्पताल से स्वेच्छा से बांड साइन कर गए थे। अब उनकी हालत बिगड़ने की असली वजह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को शिकायत है तो वह लिखित रूप में दे सकता है, जिस पर विचार किया जाएगा।
🔥 अस्पताल प्रशासन बनाम मरीजों के परिजन – कौन सही, कौन गलत?
अस्पताल प्रशासन और मरीजों के परिजनों के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास नजर आ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आसनसोल के अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और सही इलाज की गारंटी है?