कुल्टी:
कुल्टी का प्रसिद्ध तरुण संघ काली पूजा इस वर्ष अपने 67वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। हर साल की तरह इस बार भी पंडाल में भव्यता, भक्ति और संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है। लगभग 7 लाख रुपये की लागत से इस वर्ष पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
आयोजन समिति के सचिव देबनारायण घोष ने बताया कि इस वर्ष पूजा का विशेष थीम “जन्मदात्री मां” रखा गया है — जो मां काली को सृजन और शक्ति की जननी के रूप में दर्शाता है। पंडाल का डिजाइन इस थीम को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को मातृत्व और दिव्यता का एक अद्भुत अनुभव हो रहा है।
देबनारायण घोष ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यह पूजा पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ की जाती है। उन्होंने बताया कि तरुण संघ केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक सेवा में भी अग्रणी है।
पूरे वर्ष संगठन की ओर से रक्तदान शिविर, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, वस्त्र वितरण, और वृक्षारोपण अभियान जैसे कई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस वर्ष भी काली पूजा के दौरान वस्त्र वितरण, स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान कार्यक्रम, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा। समिति का कहना है कि इस बार पंडाल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
देबनारायण घोष ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी समाज के विभिन्न समाजसेवी संगठनों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा —
“हमारी पूजा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि मानवता और सेवा की भावना का प्रतीक है। मां काली हमें सिखाती हैं कि सृजन और विनाश दोनों एक ही शक्ति के रूप हैं।”
पंडाल की सुंदरता और भव्यता को देखने के लिए आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अलंकरण, रोशनी और ढाक की थाप से पूरा कुल्टी क्षेत्र भक्ति और उत्सव के रंग में रंगा हुआ है।












