कुल्टी, नियामतपुर |
दशमी के पावन दिन पर सुबह से हो रही मूसलधार बारिश ने पूरे नियामतपुर और आसपास के इलाकों को तरबतर कर दिया। लेकिन माँ दुर्गा के विसर्जन को लेकर भक्तों का उत्साह और आस्था बारिश के सामने भी अडिग रही।
देवी मंदिर परिसर में पूजा कमेटी ने घट विसर्जन की पूरी तैयारियाँ कर ली थीं। कमेटी के सचिव संजय दास ने बताया—
“माँ का घट विसर्जन हर साल की तरह समय पर होगा। बारिश आस्था को डिगा नहीं सकती।”
इसी क्रम में कमेटी सदस्य सचिन बलोडिया ने कहा—
“नियम और परंपरा का पालन करना ही असली श्रद्धा है। चाहे बारिश में भीगना पड़े, विसर्जन विधि-विधान से ही होगा।”
🌧️ बारिश के बीच भक्तों का उमड़ा सैलाब
भारी वर्षा के बावजूद भक्तगण माँ दुर्गा को भावभीनी विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में मंदिर परिसर पहुँचे। छतरियाँ और रेनकोट भले ही साथ थे, लेकिन अधिकांश श्रद्धालु माँ के जयकारों के बीच बारिश की बूंदों में भीगते नज़र आए।
🙏 आस्था की शक्ति
स्थानीय निवासी और भक्तों का कहना था कि—
“बारिश तो माँ का आशीर्वाद है। इसी भीगन में आस्था और भक्ति की असली अनुभूति होती है।”
🌺 भावभीनी विदाई
जैसे ही ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच घट विसर्जन की शुरुआत हुई, माहौल और भी भक्तिमय हो उठा। महिलाओं ने पारंपरिक ढाक की थाप पर उलग्नि नृत्य किया और युवाओं ने जयकारों से वातावरण गुंजा दिया।
📌 निष्कर्ष:
कुल्टी-नियामतपुर में दशमी के दिन का यह घट विसर्जन सिर्फ धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास की ताक़त का प्रतीक बन गया। बारिश चाहे कितनी भी तेज़ हो, माँ दुर्गा की विदाई हर साल की तरह पूरी श्रद्धा और भक्ति से ही होगी।












