कुल्टी में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: मोहन भागवत का पुतला दहन

कुल्टी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनका पुतला दहन किया। भागवत ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि “1947 में देश पूरी तरह आज़ाद नहीं हुआ,” जिसे कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भारत की आज़ादी का अपमान बताया है।

कांग्रेस का बयान: आज़ादी का अपमान बर्दाश्त नहीं

प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने मोहन भागवत के बयान को इतिहास के साथ छेड़छाड़ और शहीदों के बलिदान का अनादर बताया। नेताओं ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने की साजिश है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए मोहन भागवत से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भागवत ने अपने बयान पर सफाई नहीं दी, तो देशभर में इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

कुल्टी में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस नेता ने कहा,
“मोहन भागवत का बयान स्वतंत्रता संग्राम के लाखों शहीदों के बलिदान को अपमानित करता है। यह बयान उन सभी भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया।”
नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस तरह के बयानों का हर स्तर पर विरोध करेगी।

पुतला दहन और जनता की प्रतिक्रिया

कुल्टी में प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने भी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ऐसे बयान राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुंचाते हैं और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश है।

क्या था मोहन भागवत का बयान?

मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि,
“1947 में देश पूरी तरह आज़ाद नहीं हुआ था।”
इस बयान ने सियासी हलकों में बहस छेड़ दी है। कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता संग्राम और उसके बलिदानियों का अपमान बताते हुए तुरंत माफी की मांग की है।

कांग्रेस की चेतावनी: विरोध तेज़ होगा

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर आरएसएस प्रमुख ने माफी नहीं मांगी, तो पार्टी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ कुल्टी का मामला नहीं है, बल्कि देशभर में जनता ऐसे बयानों का विरोध करेगी।

ghanty

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