कोलकाता की ऐतिहासिक और परंपरागत पीली टैक्सियाँ, जिन्हें शहर की पहचान माना जाता है, एक बार फिर अपनी पुरानी रौनक के साथ सड़कों पर दौड़ेंगी। हाल ही में हुई एक घोषणा में बताया गया कि इन टैक्सियों से जुड़े ब्रांडिंग विवाद को समाप्त कर दिया गया है, जिससे ये ऐतिहासिक वाहन लंबे समय तक शहर की सड़कों पर देखे जा सकेंगे।

कभी ब्रांडिंग नियमों के कारण ये पीली टैक्सियाँ मुश्किलों में थीं। लेकिन राज्य सरकार और परिवहन प्राधिकरण की संयुक्त पहल के माध्यम से इस समस्या का समाधान किया गया है। नई योजना के तहत इन टैक्सियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा:

- “पीली टैक्सियाँ शहर की धरोहर का प्रतीक हैं और इन्हें संरक्षित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।”
- “नई पीढ़ी के ड्राइवरों को आकर्षित करने के लिए प्रशिक्षण और विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।”
पीली टैक्सियों की विरासत
कोलकाता की पीली टैक्सियाँ केवल एक साधारण वाहन नहीं हैं, बल्कि यह शहर की संस्कृति और इतिहास का अहम हिस्सा हैं। ये टैक्सियाँ आज भी सिनेमा, साहित्य और पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, पीली टैक्सियों के रखरखाव और सेवा में सुधार के लिए एक विशेष कोष बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें आधुनिक तकनीक जोड़ने के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा।