कोलकाता में 151 साल पुरानी ट्राम सेवा को बचाने के लिए सड़कों पर उतरे 500 नागरिक
कोलकाता: शनिवार शाम को लगभग 500 नागरिकों ने शहर की 151 साल पुरानी ट्राम सेवा को बंद करने के फैसले के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। यह जुलूस विद्यसागर मूर्ति से श्यामबाजार तक कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन (CTUA) के नेतृत्व में निकाला गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने बैनर लेकर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया।
सरकार का फैसला और जनता की अपील
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि केवल एस्प्लेनेड से किडरपोर के बीच ही ट्राम सेवा जारी रहेगी, जबकि आजादी के बाद शहर में लगभग 50 रूट थे। अब यह संख्या घटकर केवल 3 रह गई है – एस्प्लेनेड-गड़ियाहाट, एस्प्लेनेड-श्यामबाजार और टॉलीगंज-बालीगंज।
सीटीयूए की अपील: “ट्राम सेवाओं को फिर से शुरू करें”
कोलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार से सभी ट्राम सेवाओं को फिर से शुरू करने की अपील की है। सीटीयूए के अध्यक्ष देबाशीष भट्टाचार्य ने कहा, “ट्राम किसी की सड़कों को बाधित नहीं करती, बल्कि अवैध पार्किंग और माल ढुलाई के कारण उन्हें चलने में दिक्कत होती है। हमने कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से ट्राम सेवाओं को बहाल करने की अपील की है।”
विशेषज्ञों की राय
कई शहर परिवहन योजनाकार ट्राम सेवा को “दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक” मानते हैं। ट्राम न केवल कोलकाता की पहचान है, बल्कि यह पर्यावरण अनुकूल और यातायात समस्याओं के समाधान का भी एक प्रमुख हिस्सा है।