👉 बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री, पद्म भूषण प्राप्त साध्वी ऋतंभरा, राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, ज्ञानानंदजी महाराज और कार्तिक महाराज के साथ लाखों संत और बंगाल बीजेपी के शीर्ष नेता हुए शामिल
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सनातन संस्कृति संसद के तत्वावधान में रविवार को सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया. इस गीता पाठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री, पद्म भूषण प्राप्त साध्वी ऋतंभरा, राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस सहित बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्या, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष, तथागत रॉय, राहुल सिन्हा, लॉकेट चटर्जी, विधायक अग्निमित्रा पाल के साथ-साथ लाखों साधु-सतों ने हिस्सा लिया.
सुबह से ही ब्रिगेड मैदान में भीड़ बढ़ने लगी थी. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया. लगभग लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा और ब्रिगेड मैदान शंख की आवाज गूंज उठा. इस अवसर पर लाखों भक्त ब्रिगेड मैदान पहुंचे है. वेदों के पाठ के बाद सामूहिक गीता पाठ किया गया. सनातनियों को ढाक, खोल और झांझ के साथ नृत्य करते देखा गया. ब्रिगेड मैदान उलू और शंख की ध्वनि से गूंज उठी. ज्ञानानंदजी महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
राज्यपाल ने श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद की दिलाई याद
राज्यपाल सीवी आनंद बोस सामूहिक गीता पाठ के आयोजन पर उपस्थित हुए. उनके मुंह से गीता के शब्द सुनाई दिए. उन्होंने करप्शन के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने श्री कृष्ण-अर्जुन की याद दिलाई. उन्होंने बताया कि कैसे श्री कृष्ण ने महाभारत के उस भयानक युद्ध में कृष्ण को सही रास्ता दिखाया. उन्होंने कहा, श्री कृष्ण ने बार-बार अर्जुन से कहा कि अर्जुन अपना काम करो और आज बंगाल काम करने के लिए तैयार है. आज जब युवा पीढ़ी के लोग गीता का पाठ करना चाहते हैं, तो यह राष्ट्रीय गौरव की बात बन जाती है.

वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि गीता पाठ का चुनावों से कोई सीधा लेना-देना नहीं है. पॉलिटिक्स तो पॉलिटिक्स ही रहेगी, गीता हमेशा रहने वाली है. कल हमने जो देखा, उससे साफ पता चलता है कि हिंदू वोट को बांटने और मुस्लिम वोट को एक करने की साजिश चल रही है.
कार्यक्रम के आयोजकों में से एक कार्तिक महाराज ने कहा कि पांच लाख लोगों द्वारा गीता पाठ’ का आयोजन सनातन संस्कृति संसद कर रहा है, जो अलग-अलग मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से आए साधुओं और आध्यात्मिक नेताओं का समूह है.
बंगाल की अध्यात्मिक विरासत को जगाना मकसद
उन्होंने कहा, “गीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है, यह भारत के सभी 140 करोड़ लोगों के लिए है. इस प्रोग्राम का मकसद पश्चिम बंगाल की आध्यात्मिक विरासत को जगाना और धर्मग्रंथों के जरिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. इसे राज्य और शायद देश में अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक गीता पाठ बताया जा रहा है.”

कार्तिक महाराज ने कहा कि बंटवारे के माहौल में, आध्यात्मिक साधना शांति और दिशा वापस ला सकती है. इससे पहले 2023 में लोकसभा चुनाव से पहले ब्रिगेड में इसी तरह का एक लाख लोगों का सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया था. अब यह कार्यक्रम 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है और मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद शिलान्यास से अगले दिन हो रहा है. इससे इस कार्यक्रम के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
ब्रिगेड में बना कीर्तिमान, 5 लाख लोगों ने एक साथ किया गीता का पाठ
महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने मंच से दावा किया कि बड़ी संख्या में साधु- संतों सहित पांच लाख से अधिक लोगों ने सामूहिक गीता पाठ में हिस्सा लिया। गीता के 1, 9 व 18 अध्याय का पाठ किया गया, जिसका उद्देश्य आम लोगों तक सनातन धर्म की मूल भावना और गीता के सार्वभौमिक संदेशों को पहुंचाना है। गीता पाठ को लेकर पूरा ब्रिगेड मैदान भगवा झंडों से पटा नजर आया।
बागेश्वर बाबा और साध्वी ऋतंभरा ने मंच से भरी हुंकार
कोलकाता में गीता पाठ कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंच से कहा कि हिंदू अगर एक हो जाए तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा, “ये देश बाबर का नहीं, रघुवर का है। हिंदुओं को एक होकर गांव-गांव में भगवा लहराना होगा। हम बहुत जल्दी कथा करने बंगाल आएंगे। अगली बार बंगाल में कथा के दौरान धर्म विरोधियों की ठठरी बांध देंगे।”
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कोलकाता में गीता पाठ के मंच से बांग्ला में शुरू किया अपना संबोधन, कहा- केमोन आछो कोलकाता। आमी तुमाके ओनेक भालो बासी। आज हमें देखकर खुशी है कि कोलकाता के पत्ता-पत्ता में भगवा लहरा रहा है। कोलकाता की मां काली की धरती आज लाखों लोगों के एक साथ गीता पाठ से सौभाग्यशाली हुई है। आज यहां देखकर ऐसा लग रहा है मानो हिंदू जग गया है। हिंदुओं से एक होने का आह्वान करते हुए कहा कि गीता हमारी शान है। भारत की पहचान है।
साध्वी ऋतंभरा ने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से सुंदरबन तक हिंदू राष्ट्र की गूंज होनी चाहिए।













