दुर्गापुर: कीर्ति आज़ाद को बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने बाहरी व्यक्ति बताया है। इस संबंध में कीर्ति आजाद ने कहा, बीआर अंबेडकर को सबसे पहले बंगाल की जनता ने संसद में भेजा था।
अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी के लिए ग्वालियर और लखनऊ से जीतकर संसद में गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से खड़े थे। तो वह वहां क्यों खड़ा हुए थे ? यह सवाल पूछते हुए, पिता भागवत आजाद झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, लेकिन क्या उन्होंने 1983 में बंगाल के लोगों को खुश नहीं किया था ? जब वे भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले थे और वेस्टइंडीज को हराकर पहला विश्व कप जीता था, तब क्या बंगाल के लिए नहीं थी वह जीत ? वह ममता बनर्जी के लिए मैदान में उतरे हैं।
जनता की समस्याओं को संसद में उठाऊंगा। उन्होंने दावा किया कि वह लोगों की सेवा करने के लिए बंगाल आये हैं। बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार कीर्ति आजाद ने राज्य के पंचायत ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्री, प्रदीप मजूमदार और जिला तृणमूल अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के साथ दुर्गापुर के भिरिंगी श्मशान काली मंदिर में पूजा की। उन्होंने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से भी बातचीत की। उन्होंने जिंदा फूल में मतदान देने का अनुरोध किया। इसके बाद वह दुर्गापुर की इस्पात नगरी स्थित विधान भवन के स्टाफ मीटिंग में पहुंचे l वहां से यह भी पता चला है कि वह दुर्गापुर के अलग-अलग हिस्सों में दीवारों पर लिखेंगे और कई इलाकों में प्रचार करेंगे।
दुर्गापुर पश्चिम के बीजेपी विधायक लक्ष्मण घोरुई ने तंज कसते हुए कहा, ‘कीर्ति आजाद बिहार से बंगाल आए हैं। कीर्ति के पास क्या है, यह पता नहीं है, बंगाल के लिए। जब उनके उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी, तो लोग व्यापक रूप से प्रतिक्रिया देंगे। वहीं, सीपीएम के जिला सचिवालय के सदस्य पंकज रॉय सरकार ने कहा, ”एक समय कीर्ति आजाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष थे। उन्हें रिश्वत लेने के आरोप में बोर्ड ने निष्कासित कर दिया था। वह बीजेपी के उम्मीदवार भी बने। आरएसएस द्वारा नियुक्त उम्मीदवार अब तृणमूल में आ गए हैं।” तृणमूल सभी भ्रष्ट नेताओं की शरणस्थली है।