बीरभूम, पश्चिम बंगाल:
कौशिकी अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार को तारापीठ धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही माँ तारामায়ের मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। फूलों, झालरों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजा देवी का आंगन आज किसी बड़े उत्सव से कम नहीं लग रहा।
सुबह माँ तारामায়ের स्नान और मंगलआरती के बाद गाभার गृह भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिया गया। ठीक सुबह 11:55 बजे से अमावस्या तिथि का आरंभ हुआ। शाम के समय माँ तारामায়ের राजबेश आराधना के लिए विशेष पूजा-अर्चना और भव्य आयोजन किया जाएगा। मंदिर कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़े स्क्रीन पर पूजा और आरती के सीधा प्रसारण की भी व्यवस्था की है।
🔴 सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। मंदिर परिसर और आसपास के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 10 वॉच टावर बनाए गए हैं। पूरे क्षेत्र पर नज़र रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। इसके अलावा, 2,700 पुलिसकर्मी चौकसी में तैनात हैं और श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन व सहायता देने के लिए 21 पुलिस सहायता शिविर खोले गए हैं।
🔴 भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम
भारी भीड़ के बावजूद हर तरफ आस्था और अध्यात्म का वातावरण नजर आ रहा है। भक्त ‘जय माँ तारा’ के जयकारे लगा रहे हैं। माना जाता है कि कौशिकी अमावस्या पर माँ तारा की पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
तारापीठ का यह ऐतिहासिक पर्व आज आस्था, सुरक्षा और उत्सव के अद्भुत संगम के रूप में मनाया जा रहा है।