कांकसा (पश्चिम बर्दवान):
कांकसा के राजबांध इलाके में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति स्थापना को लेकर जबरदस्त तनाव फैल गया है। 25 दिसंबर, अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती और तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से मूर्ति लगाने का कार्य शुरू किया गया था, जिसे पुलिस ने बीच में ही रोक दिया।
पुलिस का दावा है कि जिस स्थान पर मूर्ति स्थापना का कार्य चल रहा था, वह पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (WBSEDCL) की भूमि है और वहां बिना किसी पूर्व अनुमति के निर्माण कार्य किया जा रहा था। विद्युत वितरण निगम की शिकायत के आधार पर ही प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए काम बंद कराया।
इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी जिला उपाध्यक्ष चंद्रशेखर बनर्जी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन जानबूझकर पार्टी के कार्यक्रम में बाधा डाल रहा है। उनका दावा है कि जिस स्थान पर मूर्ति स्थापित की जा रही थी, वहां पहले भाजपा का पार्टी कार्यालय था, जिसे तोड़ दिया गया था। उसी जगह पर अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने की योजना थी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मूर्ति स्थापना से रोका गया, तो पार्टी बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर काम किया जा रहा था, इसलिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। तृणमूल नेताओं का कहना है कि कानून सभी के लिए समान है और नियमों का उल्लंघन होने पर प्रशासन का हस्तक्षेप स्वाभाविक है।
इस पूरे मामले पर कांकसा के एसीपी राजकुमार मालाकर ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण निगम की शिकायत मिलने के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और किसी भी पक्ष को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
फिलहाल इलाके में पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन शुरू हुआ यह विवाद आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।











