दुर्गापुर (दिलीप सिंह):
पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर में शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों और कल्याण को लेकर ऐतिहासिक पहल की गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति की देखरेख में और राज्य महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग के सहयोग से यह बैठक दुर्गापुर उपजिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में संपन्न हुई।
बैठक में बच्चों को बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरीतियों से बचाने के लिए ठोस और सख्त दिशानिर्देश तैयार किए गए। समिति की अध्यक्ष शम्पा रॉय तथा सदस्य अमृता सिन्हा और स्मिता दास दे ने विस्तार से सुझाव दिए।
बैठक में पश्चिम एवं पूर्व बर्दवान, बीरभूम और हुगली जिलों के जिला व अतिरिक्त जिला न्यायाधीशों के अलावा उपजिला स्तर के न्यायिक अधिकारी भी शामिल रहे।
प्रशासनिक कड़ी सुरक्षा
बैठक को संवेदनशील मानते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की। प्रशासनिक भवन के प्रवेश द्वार से लेकर हर कोने तक पुलिस गश्त और अतिरिक्त निगरानी रखी गई।
बच्चों की सुरक्षा पर ठोस रणनीति
बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि प्रशासन, न्यायालय और बाल संरक्षण समिति आपसी तालमेल के साथ काम करें ताकि बच्चों के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
पश्चिम बर्दवान के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (समाज कल्याण) ने बताया—
“बाल संरक्षण को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। खासतौर पर बाल विवाह और बाल श्रम की रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।”
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने जिला और उपजिला न्यायालयों के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश और सुझाव भी दिए, जिससे इस दिशा में तेज़ी से कार्रवाई संभव हो सके।
सामाजिक जागरूकता पर जोर
बैठक में यह भी कहा गया कि केवल कानून से नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी से ही बाल विवाह और बाल श्रम जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है।