[metaslider id="6053"]

सीपी राधाकृष्णन. तमिलनाडु में जन्म, RSS से जुड़ाव, 40 साल का सियासी सफर…

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार घोषित किया है. यह फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी.

जेपी नड्डा ने बताया कि बैठक में सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई और सभी सदस्यों के सुझाव लिए गए, जिसके बाद राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाई गई.

मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद रह सकते है. तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सीपी राधाकृष्णन की गिनती बीजेपी के सीनियर नेताओं में होती रही है. उनका पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है.

20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में पैदा हुए राधाकृष्णन की राजनीतिक जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ से जुड़ी रही है. सीपी राधाकृष्णन ने 70 के दशक में आरएसएस से स्वयंसेवक के तौर पर सक्रिय राजनीति की राह पकड़ी. इसके बाद वह भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने और संगठनात्मक कामकाज में अहम भूमिका निभाई. लंबे समय तक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने के बाद उन्हें 1994 में तमिलनाडु बीजेपी का सचिव भी नियुक्त किया गया.

टेबल टेनिस चैंपियन

शैक्षिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने वी.ओ. चिदंबरम कॉलेज, कोयम्बटूर से बीबीए (व्यवसाय प्रशासन स्नातक) किया है. राधाकृष्णन अपने कॉलेज में टेबल टेनिस चैंपियन और एक लंबी दूरी के धावक रहे हैं. उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल खेलना भी पसंद है. उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन और कई यूरोपीय देशों सहित दुनिया के कई हिस्सों की यात्राएं की हैं।

राज्यपाल और उपराज्यपाल के तौर पर कार्यकाल

वह 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इससे पहले, उन्होंने 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. साथ ही, उन्होंने तेलंगाना और पुदुचेरी में भी अतिरिक्त प्रभार संभाला.

18 फरवरी 2023 को, उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. अपने शुरुआती चार महीनों में, उन्होंने झारखंड के सभी 24 जिलों का दौरा किया और नागरिकों एवं जिला अधिकारियों के साथ बातचीत की.

सांसद: राधाकृष्णन 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए. सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.

वह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के भी सदस्य रह चुके हैं. इसके अलावा वह उस संसदीय विशेष समिति के भी सदस्य रह चुके हैं जिसने स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच की थी.

संगठन में भूमिका: 2003 से 2006 तक वह तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा वो केरल बीजेपी के प्रभारी भी रह चुके हैं. 2004 में राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. वह ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे.

2004-2007 के दौरान तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के विरोध और अस्पृश्यता के उन्मूलन जैसे मुद्दों पर 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली थी. उन्होंने संसद में वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रहे और वित्तीय व सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ी कई समितियों में योगदान दिया.

दक्षिण भारत में बीजेपी के सम्मानित नेता

राधाकृष्णन दक्षिण भारत में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से एक माने जाते हैं. वर्तमान में वो बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं. उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से केरल का प्रभारी भी बनाया था. 2016 से लेकर 2019 तक वो अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे. 2004, 2012 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कोयंबटूर लोकसभा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. महज 16 साल की उम्र में यानी 1973 में राधाकृष्णन RSS से जुड़ गए. बाद में वो जनसंघ से जुड़ कर सक्रिय राजनीति में आ गए.

राजनीतिक यात्रा

. महाराष्ट्र: 31 जुलाई 2024 से राज्यपाल.

. झारखंड: 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक राज्यपाल.

. तेलंगाना: मार्च से जुलाई 2024 तक अतिरिक्त प्रभार.

. पुदुच्चेरी: मार्च से अगस्त 2024 तक उपराज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार).

. 1998 और 1999 में कोयम्बटूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए.

. 2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहे.

उल्लेखनीय पहल

. 2004- 2007 के दौरान भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष रहते हुए सी पी राधाकृष्णन ने 93 दिन की रथ यात्रा निकाली, जिसका उद्देश्य था-नदियों का आपस में जोड़ना.

. आतंकवाद विरोध.

. अस्पृश्यता (अछूत प्रथा) का उन्मूलन.

. संसद में वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे.

. कई वित्तीय और सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ी समितियों में काम किया.

9 सितंबर को चुनाव

आपको बता दें कि पिछले महीने जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने कुछ समय पहले उपराष्ट्रपति पद के इलेक्शन का चुनावी कार्यक्रम तय किया था. यह चुनाव 9 सितंबर को होगा. चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है और दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी.

ghanty

Leave a comment