रांची/धनबाद/बोकारो | विशेष संवाददाता
झारखंड में पिछले कई दिनों से जारी मूसलधार बारिश के कारण डैमों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। हालात को नियंत्रित करने के लिए दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) ने माईथन डैम से 10,000 क्यूसेक और पंचेत डैम से 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। इस एहतियाती कदम का उद्देश्य डैम की संरचनात्मक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, लेकिन इसके साथ ही निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका भी बढ़ गई है।
🌊 डीवीसी का निर्णय: सुरक्षा या संकट?
डीवीसी के अधिकारियों के मुताबिक, जलाशयों पर अत्यधिक दबाव बनने से पहले ही पानी छोड़ना जरूरी हो गया था। लगातार बारिश के चलते डैम के जलस्तर खतरनाक स्तर की ओर बढ़ रहा था। ऐसे में माईथन और पंचेत से पानी छोड़ना ही एकमात्र उपाय था।
⚠️ बाढ़ का अलर्ट, प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अलर्ट पर रखा है और उनसे आग्रह किया है कि वे नदी के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और जामताड़ा जिलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। जिला अधिकारियों को संभावित प्रभावित इलाकों की सूची तैयार करने और राहत केंद्रों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
📸 बारिश की भयावह तस्वीरें वायरल
सोशल मीडिया पर तेज बहाव में बहते खेतों, जलमग्न सड़कों और नदी किनारे फंसे मवेशियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। लोगों में भय का माहौल है, वहीं कई इलाकों में बिजली गुल और यातायात ठप होने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
🗣️ जानकारों की राय
जल विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा तो बांधों पर और अधिक दबाव पड़ेगा और अचानक ज्यादा मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। इसलिए लोगों को अभी से सतर्क रहने की जरूरत है।