जामुड़िया में महिला टीएमसी ब्लॉक-1 की ओर से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विधानसभा में पारित अपराजिता बिल को केंद्र सरकार द्वारा अवरुद्ध किए जाने के विरोध में आज एक बड़ी विरोध रैली निकाली गई। यह रैली थाना मोड़ बस स्टैंड से शुरू होकर बाजार और पेट्रोल पंप होते हुए वापस बस स्टैंड पहुंची, जहां यह एक पथसभा में परिवर्तित हो गई।
महिलाओं और बच्चों के लिए न्याय की आवाज
रैली में जामुड़िया के विधायक हरेराम सिंह, महिला ब्लॉक-1 अध्यक्ष राखी कर्मकार, पार्षद बंदना रूईदास, मनोदीपा राय, और अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। महिला ब्लॉक अध्यक्ष राखी कर्मकार ने केंद्र सरकार और राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि, “महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रस्तावित अपराजिता बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार का इस पर हस्तक्षेप निंदनीय है।”
अपराजिता बिल: क्या है यह बिल?
यह बिल महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, जिसमें उन्हें कानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के प्रावधान शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इस बिल को राज्य विधानसभा में पारित किया, लेकिन केंद्र सरकार और राज्यपाल द्वारा इसे रोका जा रहा है।
टीएमसी नेताओं का विरोध और कड़ा संदेश
जामुड़िया विधायक हरेराम सिंह ने कहा, “यह सिर्फ महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का सवाल नहीं, बल्कि उनके सम्मान और अधिकारों का मुद्दा है। केंद्र सरकार का इस बिल को रोकना संविधान और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”
टीएमसी की मांग: केंद्र सरकार और राज्यपाल को चेतावनी
रैली के दौरान सभी नेताओं ने मिलकर राज्यपाल और केंद्र सरकार से अपराजिता बिल को तुरंत लागू करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह बिल जल्द पारित नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज होगा।
प्रमुख शख्सियतें जो रैली में शामिल हुईं:
- हरेराम सिंह, जामुड़िया विधायक
- राखी कर्मकार, महिला ब्लॉक-1 अध्यक्ष
- बंदना रूईदास, पार्षद
- मनोदीपा राय, सीखा दास, नंदीता चटर्जी
- शेख शानदार, बोरों चेयरमैन
- सुब्रतो अधिकारी, एमएमआईसी
- प्रेमपाल सिंह, युवा तृणमूल नेता
महिलाओं की सुरक्षा पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी
टीएमसी नेताओं ने कहा कि यह रैली सिर्फ शुरुआत है। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।