जामताड़ा गैंग का बड़ा पर्दाफाश: पूर्व एलआईसी एजेंट से 4 लाख की ठगी, 8 गिरफ्तार

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दुर्गापुर, 10 सितम्बर 2025

साइबर ठगी के गढ़ जामताड़ा गैंग ने एक बार फिर अपनी करतूत से पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। केवाईसी अपडेट करने के नाम पर एक पूर्व एलआईसी कर्मचारी से करीब चार लाख रुपये की ठगी की गई। लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ मास्टरमाइंड को बेनकाब किया बल्कि पूरी गैंग को धर दबोचा।

📱 कैसे हुआ साइबर फ्रॉड?

28 जून को पूर्व एलआईसी एजेंट मृणाल कांत तिवारी को व्हाट्सएप पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक प्रतिनिधि बताया और केवाईसी अपडेट का बहाना बनाकर स्क्रिन शेयर ऑन करवाया। इसके बाद लगातार ओटीपी डालने को कहा गया। नतीजा—कुछ ही मिनटों में मृणाल बाबू के खाते से लगभग ₹4 लाख गायब हो गए

घबराए मृणाल बाबू को जब होश आया, तब तक देर हो चुकी थी। 1 जुलाई को उन्होंने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

🚨 पुलिस की बड़ी सफलता

शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की और सामने आया कि इस ठगी के पीछे कुख्यात जामताड़ा गैंग है।

  • पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
  • मास्टरमाइंड खगन दान और मिथुन दान को भी दबोचा गया।
  • ठगी की रकम से खरीदे गए ढाई लाख रुपये के दो महंगे मोबाइल फोन और लगभग ₹55 हजार के सोने के आभूषण बरामद कर लिए गए।
  • शेष रकम की बरामदगी की कोशिशें जारी हैं।

🗣️ डीसी अभिषेक गुप्ता का बड़ा बयान

आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“यह गैंग कई लोगों को झांसा देकर ठगी करता था। मास्टरमाइंड खगन दान फोन कॉल के जरिए लोगों को फंसाता था। हमारी तत्परता से गिरोह का पर्दाफाश हुआ। बैंक की जानकारी आखिर अपराधियों तक कैसे पहुंच रही है, इसकी जांच जारी है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इस पूरे मामले में और कौन-कौन शामिल है।”

😨 पीड़ित की प्रतिक्रिया

पीड़ित मृणाल कांत तिवारी ने कहा,
“मुझे गुमराह कर ठगा गया। बाद में गलती का एहसास हुआ। लेकिन पुलिस की इस सफलता से मुझे राहत मिली है।”

गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर दोबारा पुलिस रिमांड की मांग की गई ताकि और खुलासे किए जा सकें।

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