रिपोर्ट: सौरव शर्मा | आसनसोल, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध समुद्री पर्यटन स्थल दीघा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा निर्मित जगन्नाथ मंदिर का आज भव्य उद्घाटन हुआ। सरकार और तृणमूल कांग्रेस इस आयोजन को राज्य की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बता रही है, लेकिन विपक्ष ने इसे लेकर तीखा हमला बोला है।
आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर और पूर्व विधायक जितेंद्र तिवारी ने इस मौके पर सरकारी पैसे के धार्मिक आयोजनों में प्रयोग को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
🗣️ तिवारी ने पूछा – “आसनसोल में अनुदान बंद, दीघा में मंदिर कैसे?”
जितेंद्र तिवारी ने कहा:
“जब मैं मेयर था, तब हर साल जगन्नाथ यात्रा समितियों को ₹25,000 की सहायता दी जाती थी। उस वक्त कुछ लोग इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग बताते थे। आज वही लोग दीघा में सरकारी खर्चे से बने मंदिर के उद्घाटन में शामिल हो रहे हैं। अब यह दुरुपयोग नहीं है?”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार दीघा में मंदिर बना सकती है, तो फिर आसनसोल के धार्मिक आयोजनों को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?
🔥 तृणमूल पर सीधा हमला
जितेंद्र तिवारी के इस बयान से राज्य की राजनीति में नई हलचल मच गई है। उन्होंने साफ कहा:
“सरकार अगर सांस्कृतिक धरोहर के नाम पर मंदिर बना रही है, तो फिर आसनसोल की परंपराओं को कुचला क्यों जा रहा है?”
🕵️♂️ TMC की चुप्पी, अंदरूनी हलचल
तृणमूल कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंदिर का निर्माण राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उद्देश्य से हुआ है।