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इजरायली एयर स्ट्राइक से दहली यमन की राजधानी सना, दो की मौत, हूती विद्रोहियों पर दागीं मिसाइलें

सना : इजरायल ने यमन की राजधानी सना पर एयर स्ट्राइक्स करके ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हवाई हमलों का जवाब दे दिया है. रविवार को सना के ज्यादातर रिहायशी इलाकों में धमाके की आवाज सुनाई दी. हूती मीडिया कार्यालय ने दावा किया कि इजरायल के द्वारा स्ट्राइक में कई जगहों को निशाना बनाया गया, जिसमें हेज़्याज़ बिजली संयंत्र और एक गैस स्टेशन शामिल है. हालांकि, इजरायल की ओर से इन स्ट्राइक्स को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई और पांच से अधिक घायल हुए हैं. घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

धमाकों से दहला सना

राजधानी सना के लोगों का कहना है कि पूरे शहर में धमाके की आवाज सुनाई दी गई, जिनमें राष्ट्रपति भवन और एक बंद सैन्य अकादमी के आसपास भी विस्फोट हुए. राजधानी के साबिक चौक के पास धुएं का ग़ुबार उठते भी देखा गया.

राजधानी सना के एक निवासी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि धमाके की आवाज़ बहुत तेज थी, इसे दूर से भी सुना जा सकता था. एक अन्य निवासी ने कहा कि घर हिल गया और खिड़कियां टूट गईं.

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लाल सागर में तनाव

फिलिस्तीनियों के साथ संघर्ष बढ़ने के बाद से ही लाल सागर में इजरायल को व्यापारिक नुकसान पहुंचाने के लिए हूती विद्रोहियों ने इजरायल से संबंधित जहाजों पर लगातार ड्रोन और मिसाइल से हमले करते आ रहा है. बीते दो सालों में हूती विद्रोहियों की ओर से लाल सागर में व्यापार करने वाले जहाजों को लगातार हमले किए जा रहे हैं. इस रास्ते से हर साल लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का सामान गुजरता है. नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच हूती ने 100 से ज़्यादा जहाजों को निशाना बनाया. जिससे भारी भरकम नुकसान पहुंचा.

अमेरिका और हूती समझौता

इजरायल के साथ बढ़ते तनाव के बाद बीते साल मई में अमेरिका ने हूती से एक समझौता किया था, जिसके तहत वह लाल सागर में हमला करना रोकेगा तो बदले में अमेरिका हवाई हमला बंद करेगा. हालांकि, हूती ने साफ कहा था कि वह इजरायल से जु़ड़े ठिकानों पर हमला करना जारी रखेगा.

हूती विद्रोही और इजरायल के रिश्ते

हूती विद्रोही समूह, जिसे अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है, यमन में सक्रिय एक शिया ज़ैदी आंदोलन है जो इजरायल के खिलाफ कड़ा विरोध रखता है. उनका नारा रहा है “मौत इजरायल को,” और वे इजरायल को फिलिस्तीनियों पर अत्याचार का मुख्य समर्थक मानते हैं. इस वैचारिक और राजनीतिक विरोध के कारण, दोनों के बीच रिश्ते अत्यंत तनावपूर्ण और दुश्मनी बना हुआ है.

हूती विद्रोहियों को ईरान का महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त है. हूती खुद को “अक्ष-अ-रजिस्टेंस” के हिस्से के रूप में देखते हैं, जिसमें ईरान, इराकी मिलिशिया, हिज़बुल्लाह और हमास जैसे संगठन शामिल हैं. इजरायल के खिलाफ हूती की सशस्त्र कार्रवाईयों में हाईपरसोनिक मिसाइल और ड्रोन हमले प्रमुख हैं. खासकर 2023 से उन्होंने इजरायल पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों का सहारा लिया है, जिससे इजरायल के कई सैन्य ठिकानों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और बंदरगाहों को निशाना बनाया गया.

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