वॉशिंगटन डीसी (प्रेम शंकर चौबे) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि भारत, रूस से हथियार और ऑयल खरीद रहा है, इसलिए उस पर जुर्माना भी लगाएंगे। ट्रम्प ने एक और पोस्ट में कहा कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है, इसलिए वे भारतीय सामानों पर टैरिफ लगा रहे हैं।
क्या लिखा ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में

भारत, अमेरिका का दोस्त है, लेकिन पिछले कुछ सालों में अमेरिका ने उसके साथ कम व्यापार किया है क्योंकि उसके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। दरअसल, भारत की कई नीतियां ऐसी हैं जो अमेरिकी कंपनियों को व्यापार करने में मुश्किलें पैदा करती हैं।
भारत आज भी अपने ज्यादातर हथियार रूस से खरीदता है। इतना ही नहीं, चीन के साथ मिलकर भारत, रूस से बड़ी मात्रा में तेल और गैस भी खरीदता है, जबकि पूरी दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन में हिंसा रोके।
इन सब वजहों से अब अमेरिका ने फैसला किया है कि भारत से आने वाले सामानों पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाएगा। इसके अलावा पेनल्टी भी लगाई जाएगी। दोनों देशों के बीच सब कुछ सही नहीं है।
ट्रम्प ने पहले कहा था- हमारे सामानों पर टैक्स नहीं लगाएगा भारत

डोनाल्ड ट्रम्प ने 17 जुलाई को कहा था कि जल्द ही अमेरिकी उत्पादों को भारत के बाजारों में पहुंच मिलने वाली है। इंडोनेशिया फॉर्मूले के तरह अमेरिकी उत्पादों पर भारत में भी जीरो टैरिफ लगेगा।
ट्रम्प ने कहा था- हमने कई देशों के साथ समझौते किए हैं। हमारा एक और समझौता होने वाला है, शायद भारत के साथ। हम बातचीत कर रहे हैं। जब मैं लेटर भेजूंगा तो वो समझौता हो जाएगा।

ट्रम्प ने 15 जुलाई को इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ लगाया था। 1 अगस्त से इंडोनेशिया से अमेरिका जाने वाले सामानों पर 19% टैरिफ लगेगा। वहीं, अमेरिकी सामानों पर इंडोनेशिया में कोई टैरिफ नहीं लगेगा।
ट्रेड डील के लिए 25 अगस्त को भारत आएगी अमेरिकी टीम

बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर छठे राउंड की चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारी 25 अगस्त को भारत आएंगे।
दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड एग्रीमेंट्स का पहला चरण पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी तलाशी जा रही है।

ट्रेड डील को लेकर बातचीत का पिछला राउंड वाशिंगटन में हुआ था। वहां भारत के चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने चर्चा की थी।
