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सिंडिकेट जिंदा है? आसनसोल में फिर उजागर हुआ कोयला घोटाला

आसनसोल, पश्चिम बर्दवान: सोमवार शाम करीब 4 बजे CISF ने एक बड़े खुलासे के तहत कोयले से लदा एक संदिग्ध ट्रक (WB 37 D 7005) को 2 नंबर नेशनल हाईवे पर घागर बूढ़ी के पास इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के नजदीक पकड़ा। यह ट्रक झारखंड से आ रहा था और बर्दवान की ओर जा रहा था।

CISF अधिकारी पी.के. ससमाल ने बताया कि ट्रक में लदा कोयला बिना किसी वैध डी-फॉर्म (लिफ्टिंग परमिट) के था। इससे साफ है कि यह कोयला अवैध रूप से लादा गया है। कोयले के अवैध कारोबार पर प्रशासन की पकड़ कितनी ढीली है, इसका यह जीता-जागता उदाहरण बन गया है।

😡 पुलिस को दी गई सूचना, लेकिन 7 घंटे बाद भी नहीं पहुंची टीम!

CISF ने तुरंत ही आसनसोल साउथ थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि रात 11 बजे तक भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। जब अधिकारी कौशिक कुंडू से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने घटना की जानकारी से इनकार कर दिया।

🛑 क्या कोयला माफिया का सिंडिकेट अब भी ज़िंदा है?

स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह कोई पहली घटना नहीं है। रात के अंधेरे में दर्जनों ट्रक बिना वैध कागजों के झारखंड और बाराबनी की खदानों से निकलते हैं। आशंका है कि संगठित कोयला सिंडिकेट अब भी सक्रिय है जो करोड़ों का अवैध व्यापार कर रहा है और सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।

🧾 डी-फॉर्म नहीं = फर्जी कोयला लोडिंग!

डी-फॉर्म यानी वैध लोडिंग परमिट किसी भी कोयला परिवहन के लिए जरूरी होता है। लेकिन पकड़े गए ट्रक के पास यह दस्तावेज नहीं था। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि ट्रक में लदा कोयला संभवतः किसी अवैध खदान से निकाला गया था।

🧩 ट्रक ड्राइवर की सफाई — “मुझे नहीं पता क्यों रोका गया!”

जब ट्रक चालक से पूछताछ की गई तो उसने कहा,
“मैं झारखंड से बर्दवान जा रहा था, लेकिन क्यों रोका गया — ये मुझे नहीं बताया गया।”
इससे यह संदेह और गहरा हो जाता है कि चालक को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी, या फिर जानबूझकर कुछ छुपाया जा रहा है।

ghanty

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