“हम पहले इंसान बनें, फिर बने डॉक्टर, इंजीनियर या शिक्षक” – संजय सिन्हा
आसनसोल/बर्नपुर:
आसनसोल के बर्नपुर स्थित विजय पाल मेमोरियल बीएड कॉलेज में “21वीं सदी में मानवाधिकार और लैंगिक न्याय” विषय पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (International Equitable Human Rights Social Council) द्वारा भव्य सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्था के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा ने किया।
🧠 लैंगिक न्याय: संस्कृति की आत्मा
संजय सिन्हा ने कहा,
“लैंगिक न्याय हमारी संस्कृति का मूल है। संविधान ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष अधिकार सुनिश्चित किए हैं।“
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।
📜 बच्चों के अधिकार और POCSO कानून
सेमिनार में वरिष्ठ अधिवक्ता व पार्षद बोला नाथ हेला ने POCSO एक्ट (2012) पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
“यह अधिनियम 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है, चाहे वे लड़के हों या लड़कियाँ।”
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और समाज में समानता और न्याय की भावना को मजबूत करें।
🎵 संगीत, सम्मान और संवाद
कॉलेज के छात्रों द्वारा शानदार उद्घाटन संगीत प्रस्तुति दी गई।
बिशु मंडल, शुभम शर्मा, अमित सिंह सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे और विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए गए। सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।