दीवाली पर ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ की गूंज — अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन का संदेश ✨

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कोलकाता। दीपावली और काली पूजा के पावन अवसर पर इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल ने राज्यभर में मानवता, सामाजिक जागरूकता और आत्मरक्षा के संदेश को आम जनता तक पहुँचाने का अभियान चलाया। इस विशेष पहल का नेतृत्व संस्था के चेयरमैन संजय सिन्हा ने किया।

पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में चले इस अभियान के दौरान मानवाधिकार संगठन की टीम विभिन्न काली पूजा पंडालों में पहुँची, जहाँ उन्होंने लोगों को ह्यूमन राइट्स, सेल्फ डिफेंस और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व के बारे में बताया। संस्था ने जनता से अपील की कि वे त्योहारों को केवल मनोरंजन का माध्यम न बनाएं, बल्कि इसे मानवता और सामाजिक जागरूकता का उत्सव बनाएं।

इस दौरान संस्था के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा ने कहा —

“हमारे सभी पर्व-त्योहार अच्छाई की जीत और समाज में प्रकाश फैलाने का प्रतीक हैं। दीपावली केवल दीपों का उत्सव नहीं, बल्कि यह हमें अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है। आज जब समाज में नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है, तब जरूरत है कि हम ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ के मंत्र को अपनाएं — अर्थात अंधकार से उजाले की ओर चलें।”

उन्होंने आगे कहा —

“समृद्धि तो बढ़ी है, लेकिन संवेदनाएँ कम हुई हैं। हमारे पास धन है, परंतु मानवीय मूल्य घट रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ी पूजा है — मानवता। यदि हम इंसानियत को अपना धर्म मान लें, तो यही सच्ची आराधना होगी।”

अभियान के तहत संस्था ने ‘सोनार बांग्ला श्यामा सम्मान’ भी प्रदान किया, जिसके अंतर्गत राज्यभर के श्रेष्ठ काली पूजा पंडालों को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर चेयरमैन संजय सिन्हा के साथ दीपक मित्रा, अंजन दे, यास्मीन सुल्ताना, सतबीर सिंह और कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी पूजा समितियों ने संगठन की टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया और इस अभियान की सराहना की।

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