फेरीवाले के बेटे ने रचा इतिहास! संघर्ष से निकली सफलता की सुनहरी कहानी

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कुल्टी, आसनसोल: मेहनत, संघर्ष और उम्मीद की मिसाल बन गया सीतारामपुर विश्वकर्मा नगर का एक साधारण परिवार। इलाके के फेरीवाले दुर्गेश प्रसाद के बड़े बेटे आदर्श प्रसाद ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) परीक्षा पास कर न केवल अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया, बल्कि पूरे इलाके को गौरवान्वित कर दिया है।

आदर्श की सफलता के साथ परिवार में खुशी का माहौल है। पिता दुर्गेश प्रसाद रोज़ सुबह एक बड़ा बैग लेकर झारखंड के धनबाद समेत कई इलाकों में फेरी लगाने निकल जाते थे। बरसात के दिनों में छत से टपकता पानी और बांस का सहारा उनके संघर्ष की कहानी कहता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

मां माया देवी ने बताया,

“हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा इतनी बड़ी परीक्षा पास करेगा। ज़िंदगी में कितनी मुश्किलें आईं, लेकिन हमने बच्चों को पढ़ाने का सपना कभी छोड़ा नहीं।”

आदर्श ने कहा,

“जब घर में बिजली नहीं होती थी, तब स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ाई करता था। पिता रोज़ कितनी मेहनत करते थे, वही मेरी प्रेरणा थे। आज उनकी मेहनत और दुआओं से मैं सफल हुआ हूं।”

3 नवंबर को जब परीक्षा परिणाम घोषित हुआ, तो परिवार की आंखों में खुशी के आंसू थे। स्थानीय लोगों ने भी मिठाई बांटकर आदर्श की सफलता का जश्न मनाया।
बताया गया कि दुर्गेश प्रसाद के दो और बच्चे — एक बेटा और एक बेटी — वर्तमान में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि आदर्श प्रसाद की यह कहानी आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो यह सिखाती है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, मेहनत और लगन से हर सपना पूरा किया जा सकता है।

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