हरिद्वार, 27 जुलाई: उत्तराखंड के पवित्र धार्मिक स्थल मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। इस हृदय विदारक हादसे में अब तक 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है और 15 से अधिक घायल हुए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा मंदिर की सीढ़ियों वाले मार्ग पर हुआ जब भीड़ के बीच एक खंभे में करंट फैलने की अफवाह फैल गई। इसके बाद श्रद्धालु दहशत में इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ में कई लोग नीचे गिरकर घायल हो गए।
“खंभे में करंट आया है”—अफवाह ने ली 6 जानें
चश्मदीदों का कहना है कि मंदिर के पास लगे एक खंभे में शॉर्ट सर्किट हुआ था, जिसे देखकर श्रद्धालुओं ने यह समझा कि वहां करंट उतर आया है। इसी डर ने भगदड़ को जन्म दिया। हालांकि, गढ़वाल के डीसी विनय कुमार पांडे ने करंट की आशंका को सिरे से खारिज किया है और जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया गहरा दुख
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा,
“मनसा देवी मंदिर में भगदड़ का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। SDRF और प्रशासन मौके पर राहत कार्य में जुटे हैं। मैं लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हूं। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”
भीड़ नियंत्रण में नाकाम रहा प्रशासन?
रविवार होने के कारण मंदिर में कांवड़ यात्रा के बाद पहली बार भारी भीड़ उमड़ी थी। ऐसे में स्थानीय प्रशासन भीड़ नियंत्रण में असफल नजर आया। मंदिर के मुख्य मार्ग पर दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु जमा हो गए थे।
प्रशासन ने शुरू की जांच, अतिरिक्त बल तैनात
घटना की जानकारी मिलते ही SP प्रमोद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अब तक 35 से अधिक लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से 6 की मृत्यु हो चुकी है।
स्थिति अब सामान्य, लेकिन सवाल बाकी
हालांकि अब मंदिर परिसर में स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन यह हादसा प्रशासन की तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।












