नई दिल्ली: भारत अपनी पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन बनाने के और करीब पहुंच गया है। पहले और दूसरे चरण की सफलता के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पैनेसिया बायोटेक द्वारा ‘डेंगीआल’ वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है।
अब तक लगभग आठ हजार प्रतिभागियों ने नामांकन कराया है। अभी भारत में डेंगू के लिए कोई एंटीवायरल उपचार या लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन नहीं है।
कब तक पूरा होगा क्लिनिकल ट्रायल?
आईसीएमआर के विज्ञानियों के अनुसार, ‘डेंगीआल’ के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में लगभग 10,500 प्रतिभागियों का नामांकन देश के 20 केंद्रों पर अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है। भारत की स्वदेशी टेट्रावैलेंट एक डोज वाली डेंगू वैक्सीन ‘डेंगीआल’ को पैनेसिया बायोटेक ने विकसित किया है।
तीसरे चरण का परीक्षण पिछले साल अगस्त में शुरू हुआ था। इस परीक्षण में पहले प्रतिभागी को पिछले वर्ष पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआईएमएस), रोहतक में टीका लगाया गया था। इस चरण के क्लीनिकल ट्रायल के तहत अब तक पुणे, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और भुवनेश्वर सहित विभिन्न केंद्रों में आठ हजार प्रतिभागियों को वैक्सीन या प्लेसीबो की खुराक दी गई।