गंगासागर मेला 2025: महाकुंभ से अलग, लेकिन आस्था में कहीं पीछे नहीं!
14 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर गंगासागर में 30 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई, जबकि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 3.50 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर रहे थे। कहा जाता है— “सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार!” और इस आस्था के पर्व में एक बार फिर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
गंगासागर बनाम महाकुंभ: संगम से 900 KM दूर आस्था का महासंगम!
🔹 गंगासागर में स्नान का महत्व
गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित गंगासागर हिंदू धर्म में उतना ही महत्वपूर्ण है जितना महाकुंभ। मकर संक्रांति पर यहां पवित्र स्नान करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
🔹 85 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कर चुके हैं स्नान
पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, 1 जनवरी से अब तक 85 लाख से ज्यादा श्रद्धालु गंगासागर में डुबकी लगा चुके हैं।
🔹 भारी ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब
इस साल भीषण ठंड के बावजूद गंगासागर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा और लोगों ने पवित्र स्नान के बाद कपिल मुनि के आश्रम में पूजा-अर्चना की।
भीड़ में बढ़ी मुसीबतें: अब तक 5 तीर्थयात्रियों की मौत!
भीड़ इतनी अधिक थी कि अलग-अलग राज्यों से आए 5 तीर्थयात्रियों की वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के चलते मौत हो गई।
➡️ उत्तर प्रदेश से 3, हरियाणा से 1 और छत्तीसगढ़ से 1 तीर्थयात्री की मौत हुई।
➡️ 7 श्रद्धालुओं को इलाज के लिए कोलकाता रेफर किया गया।
गंगासागर मेले की भव्यता और सरकार की व्यवस्थाएँ
🛑 विशेष सुरक्षा इंतजाम: ड्रोन, CCTV कैमरे और कोस्टल गार्ड्स की पैनी नजर।
🚑 स्वास्थ्य सेवाएं: 20 से ज्यादा मेडिकल कैंप और एंबुलेंस तैनात।
🚌 यातायात सुविधा: श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल ट्रेन और बस सेवाएँ शुरू।












