शिल्पांचल से लेकर बर्दवान-बांकुड़ा तक दामोदर का खुलकर दोहन, नियम के खिलाफ बालू निकासी

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👉 निजी खनन कंपनी केके मिनरल्स प्रा. लि. पर आरोप, सिंचाई मंत्री ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

आसनसोल : शिल्पांचल को जीवनदान देने वाली दामोदर नदी आज खुद के जीवन को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। रात के अंधेरे में इसकी चीरहरण किया जा रहा है। शिल्पांचल के विभिन्न नदी घाटों से लेकर बांकुड़ा और बर्दवान जिलों तक इस नदी का खुलकर दोहन किया जा रहा है। वैध नदी घाटों से व्यापक स्तर पर अवैध तरीके से बालू निकासी किए जाने के आरोप लग रहे है। आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों के एक वर्ग की मिलीभगत की वजह से यह गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठाकर बालू तस्करी बे-रोक-टोक चल रही है।

नाव पर मशीन लगाकर नदी में पाइप डाला जा रहा है। मिट्टी और कीचड़ के साथ पानी भी पाइप से ऊपर आ रहा है। वह पानी एक जाल में गिरता है। वहां से कीचड़ और पानी तो निकल जाता है, लेकिन रेत फंसी रहती है। इसे फिल्टर रेत कहते हैं, जो बाजार में बहुत महंगी मिलती है। माइंस एंड मिनरल्स पॉलिसी, लैंड एंड लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट एक्ट और यहां तक ​​कि सिंचाई विभाग की भी साफ गाइडलाइन है कि किसी भी हालत में नदी से इस तरह रेत नहीं निकाली जा सकती। लेकिन नियमों की परवाह किए बिना दुर्गापुर में ‘केके मिनरल्सप्रा. लि.’ नाम की एक कंपनी ने सरकारी अधिकारियों के एक वर्ग की मदद से इस तरह रेत निकालना शुरू कर दिया है। आरोप है कि इसी कंपनी द्वारा बल्लभपुर के सरकारी घाट का टेंडर प्राप्त कर यहां भी नियम-कानूनों को ताक में रख कर बालू खनन किया जा रहा है। नदी के बीच में रास्ता तैयार कर लिया गया है। बीच नदी में जेसीबी मशीनों को उतार दिया गया है। बड़े-बड़े ट्रकों में बालू लादकर रात के अंधेरे में परिवहन किया जा रहा है। रोजाना सैकड़ों ट्रक यहां से बालू लादकर निकल रहे हैं। तिराट और डामरा इलाके की स्थिति से तो पूरा शिल्पांचल अवगत हो चुका है। यहां बता दें कि केके मिनरल्स को पूरे राज्य के करीब आधा दर्जन जिलों में 30 से अधिक वैध घाटों से बालू निकासी का टेंडर प्राप्त है। इनमें द्वय बर्दवान के साथ-साथ झाड़ग्राम, मिदनापुर. बांकुड़ा और बीरभूम शामिल हैं।

कुछ दिन पहले इस कंपनी ने नदी में गैर-कानूनी तरीके से एक अस्थायी पुल बनाने का काम शुरू किया था। राज्य के सिंचाई मंत्री के दखल से गैर-कानूनी निर्माण का काम रोक दिया गया। लेकिन अब नए तरीके से रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन नदी में उतार कर पाइप ले जाने के लिए पुल के लिए नई सड़क बनाई जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर ये बालू माफिया जबरन दामोदर पर अस्थायी पुल बनाकर पाइप लगा रहे हैं। बांकुड़ा जिले के पात्रसायर थाना क्षेत्र के पात्रसायर ब्लॉक के पंचपारा मौजा में बालू खदान बनाने की अनुमति मिली है, जिसका जेएल नंबर 60, प्लॉट नंबर 1595 (पी) है, लेकिन फिलहाल पूरी तरह से अवैध तरीके से मामुदपुर मौजा में लकड़ी का पुल बना रहा है और जेसीबी मशीन लाकर पाइप लग रहा है। इस पाइप के जरिए सीधे फिल्टर बालू भी निकाला जा सकता है। इसी तरह की स्थिति मेजिया ब्लॉक में भी कायम है। दामोदर कैनाल डिवीज़न के सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रणब सामंत कहते हैं- पूर्व में मिली शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन फिर भी इस तरह का काम किया जा रहा है तो इसके खिलाफ संबंधित थाने में FIR दर्ज कराई जाएगी।”

बांकुड़ा जिले के पात्रसायर थाना इलाके के मामूदपुर के रहने वाले रंजीत घोष ने बांकुड़ा लैंड एंड लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट, पात्रसायर थाना, बांकुड़ा एसपी और बर्दवान सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों से लिखित में शिकायत की है। उन्होंने राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां से भी शिकायत की है। सवाल यह है कि किस हिम्मत या किसकी हिम्मत से यह कंपनी इसके बाद भी इस तरह का काम करने की हिम्मत कर रही है। बांकुड़ा के डीएम सियाद एन ने कहा- “अगर कोई कानून के बाहर काम करेगा तो हम एक्शन लेंगे।” सिंचाई मंत्री ने कहा- “सख्त निर्देश दिए गए हैं, ऐसा कोई काम नहीं किया जाएगा, जिससे नदी बर्बाद हो।” अगर इसके बाद भी ऐसा कोई काम होता है, तो मैं संबंधित विभाग के अधिकारियों को उस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा। अगर हमारे विभाग का कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल है, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा।”

सरकार को राजस्व में चूना लगाकर मालामाल हो रहे माफिया-सफेदपोश

रात के अंधेरे में दामोदर से बालू निकासी की जा रही है। इसे विभिन्न इलाकों में भारी मात्रा में जमा कर रखा जा रहा है। बाद में मौके का फायदा उठाकर ट्रकों और डंपरों में रेत की तस्करी की जा रही है। इससे सरकार को राजस्व मद में करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले का खुलासा दुर्गापुर के रनडीहा इलाके में गत सोमवार को ही हुआ है, जब गलसी-1 ब्लॉक के लैंड एंड लैंड रिफॉर्म्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर रेड मारी। डिपार्टमेंट के एक अधिकारी प्रणब कर्माकर ने बताया कि रेड में 8,300 सीएफटी रेत जब्त की गई और उसे ब्लॉक की किसान मंडी में ले जाया गया।

लोगों का आरोप है कि पूरे शिल्पांचल में कई जगहों पर दामोदर से रेत गैर-कानूनी तरीके से उठाकर स्टोर की जा रही है। बालू तस्करी ने अब लघु उद्योग का रूप ले लिया है, जिसे खाकी-खादी का पूर्ण संरक्षण मिल रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी के साथ विपक्षी नेताओं की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है। कहीं टीएमसी का प्रधान, कहीं जिला परिषद का सदस्य, कहीं नेताओं के पिता-पुत्र-भाई द्वारा इस कारोबार को खुलेआम समर्थन दिया जा रहा है। बीते माह ही बल्लभपुर ग्राम पंचायत प्रधान का एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए थे। इस काम के लिए इलाके के आम नौजवानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आरोप है कि दामोदर से रात-रात भर रेत निकाली जा रही है। यह धंधा हर महीने करोड़ों रुपये का है। इसी लालच में कई लोग रेत के गैर-कानूनी धंधे में शामिल हैं।

बर्दवान में बेहुला नदी के किनारे से काटी जा रही मिट्टी

नदी के किनारों और तटबंधों से JCB से मिट्टी काटकर ट्रैक्टरों पर लादकर ले जाई जा रही है। रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिन के उजाले में। मेमारी-1 ब्लॉक के गोपगंतरपुर-2 पंचायत इलाके में बेहुला नदी के किनारे से माफिया इस तरह मिट्टी काटने का धंधा चला रहे हैं।
नदी किनारे से सटे हरिरामपुर में सिंचाई नहर के तटबंध की मिट्टी भी काटी जा रही है। साथ ही, बिना वैध कागज़ात के JCB का इस्तेमाल करके नदी से रेत निकाली जा रही है। स्थानीय प्रशासन या पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्थानीय निवासी पहले ही मेमारी-1 ब्लॉक के भूमि और भूमि सुधार विभाग से इसकी शिकायत कर चुके हैं। ब्लॉक के लैंड और लैंड रिफॉर्म डिपार्टमेंट की एक अधिकारी रेखा मंडल ने कहा, ‘शिकायत मिलने के बाद जांच की गई और कार्रवाई की गई। हमें अभी तक कोई नई शिकायत नहीं मिली है।’

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