आखिरकार KNU को मिला स्थायी VC, डॉ. उदय बनर्जी ने संभाला पदभार

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आसनसोल : करीब ढाई वर्षों के बाद आसनसोल के काजी नज़रूल विश्वविद्यालय (KNU) को आखिरकार स्थायी कुलपति (VC) मिल गया है। बीते दो साल से यह विश्वविद्यालय बगैर कुलपति के ही संचालित हो रहा था।

कोलकाता स्थित बोस इंस्टीट्यूट के निदेशक और आणविक चिकित्सा व जैविक विज्ञान प्रयोगशाला के प्रो. डॉ. उदय बनर्जी को काजी नजरूल यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार भी संभाल लिया है। राज्यपाल व कुलाधिपति डॉ. सीवी आनंद बोस ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगाई है।

नए कुलपति के पास 33 वर्षों का शोध अनुभव

नए कुलपति ने विश्वविद्यालय पहुँचकर कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने शिक्षकों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। बाद में उन्होंने कहा- ‘मैंने सभी को मिलकर काम करने का संदेश दिया है। मैंने उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया है।’ देश-विदेश से 18 सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित डॉ. बनर्जी के पास लगभग 33 वर्षों का शोध अनुभव है।

वेबकूपा ने जताई खुशी, किया स्वागत

इस अवसर पर, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार चंदन कोनार ने कहा, ‘हमें नए कुलपति मिलने की बहुत खुशी है।’ वेबकूपा के पश्चिम बर्दवान जिला सचिव वीरू रजक ने कहा, ‘लगभग 3,000 छात्रों को उनकी चिंता से मुक्ति मिल गई है। क्योंकि, स्थायी कुलपति के हस्ताक्षर के बिना प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा सकते।’

यूनिवर्सिटी की लंबित समस्याओं का होगा समाधान

वेबकूपा विश्वविद्यालय शाखा सचिव सुप्रभात बनर्जी ने कहा, ‘कुलपति से अनुमोदन न मिलने के कारण लगभग 10 शिक्षकों की पदोन्नति अटकी हुई है। विभिन्न शोध परियोजनाओं के लिए धन स्वीकृत नहीं हो रहा था। कई अन्य परियोजनाएँ रुकी हुई हैं। अब इन सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।’ वेबकूपा के जिला सचिव चंदन बनर्जी ने स्थायी कुलपति की नियुक्ति का स्वागत किया।

फरवरी 2023 में हटाए गए थे प्रो. साधन

गौरतलब है कि प्रो. साधन चक्रवर्ती इस विश्वविद्यालय के अंतिम स्थायी कुलपति थे। जब उनके साथ कुछ जटिलताएँ उत्पन्न हुईं, तो गवर्नर ने फरवरी 2023 में साधन को कुलपति पद से हटा दिया। उसी वर्ष, राज्यपाल ने विश्वभारती विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के शिक्षक देबाशीष बनर्जी को यहां का अस्थायी कुलपति नियुक्त किया था।

बगैर कुलपति के ही विवि का हो रहा था संचालन

हालांकि, देबाशीष बनर्जी के साथ भी जटिलताएँ थीं। तृणमूल छात्र परिषद ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा था। अंततः उन्होंने 20 अगस्त 2024 को कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया। तब से विश्वविद्यालय बिना कुलपति के ही चल रहा था।

👉 राज्य के 6 विश्वविद्यालयों को मिले स्थायी कुलपति

🔹कलकत्ता यूनिवर्सिटी – आशुतोष घोष

🔹यादवपुर यूनिवर्सिटी – चिरंजीव भट्टाचार्या

🔹गौड़बंग विश्वविद्यालय – आशीष भट्टाचार्या

🔹विश्वबांग्ला विश्वविद्यालय – अबु तालेब खान

🔹साधु रामचंद मुर्मू यूनिवर्सिटी (झाड़ग्राम) – चंद्रदीपा घोष

🔹काजी नजरूल विश्वविद्यालय (आसनसोल) – उदय बनर्जी

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