👉 पुरुलिया के कोक-प्लांटों में हुई थी लगभग 7.9 लाख MT अवैध कोयला की पहचान
कोलकाता/आसनसोल (प्रेम शंकर चौबे) : कोयला कारोबारियों (बड़ी मछलियों) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। छह दिनों के अंदर यह दूसरी कार्रवाई है। कैश और गोल्ड के बाद अब कोयला जब्त किया गया है। ईडी सूत्रों ने बताया कि भारी मात्रा में कोयला जब्त किया गया है। इसकी बाजार में कीमत करीब 50 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
गत 21 नवंबर को ईडी की टीम ने बंगाल के 3 कोक-प्लांटों में सर्च ऑपरेशन चलाया था। बंगाल में 3 कोक प्लांट में की गई तलाशी के दौरान, गैर-कानूनी तरीके से रखे गए लगभग 7.9 लाख MT कोयला और कोयला एग्रीगेट की पहचान की गई थी। इनमें पुरुलिया जिला के पाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत रुकनी और दुबड़ा के दो कोक-प्लांट भी शामिल थे। ये प्लांट कोयला कारोबारी अनिल गोयल के थे। ईडी की टीम ने गोयल के प्लांट में कोल इंडिया अधिकारियों को साथ लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया था। अब इसी कोयले को ईडी ने आधिकारिक रूप से फ्रीज कर लिया है।
ईडी ने इस जब्ती की आधिकारिक सूचना फैक्ट्री प्रबंधन के साथ-साथ ईसीएल प्रबंधन को भी दे दिया है। इस कोयले की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। पूरे स्टॉक को फ्रीज बताया गया है। दावा है कि सरकारी स्तर पर ईडी अब इस कोयले का ऑक्शन करेगी और इससे अर्जित होने वाली राशि को वित्त मंत्रालय के खाते में जमा करवाएगी। इधर, सूत्रों ने बताया कि ईडी द्वारा बुधवार को सिंडिकेट मेंबरों से बुधवार को सीजीओ दफ्तर में पूछताछ की जा रही है। जहां आमने-सामने की पूछताछ में कोयले के इस अवैध स्टॉक का खुलासा होने पर ईडी ने प्लांट के कोयले को जब्त करने की अधिसूचना जारी कर दी।
सनद रहे कि ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के सेक्शन 17 के तहत 21-22 नवंबर के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड में 44 जगहों पर कोऑर्डिनेटेड बड़ी सर्च कार्रवाई की। यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर कोयले की गैर-कानूनी माइनिंग, चोरी, ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज और बिक्री के संबंध में की गई। सर्च कार्रवाई के दौरान, 14 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कैश और ज्वेलरी/सोना, साथ ही बड़ी मात्रा में सबूत मिले, जिसमें कोयला सिंडिकेट से जुड़ी कई प्रॉपर्टी डीड और ज़मीन की खरीद-बिक्री से जुड़े एग्रीमेंट, और कई डिजिटल डिवाइस, उन लोगों द्वारा कंट्रोल की जाने वाली एंटिटीज़ के अकाउंट बुक वगैरह शामिल हैं। झारखंड में 20 जगहें धनबाद और दुमका में हैं, जो मुख्य रूप से लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमका, अमर मंडल, उनकी कंपनियों/एंटिटीज़ और उनसे जुड़े लोगों से जुड़ी हैं। पश्चिम बंगाल में 24 जगहें दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में हैं। पश्चिम बंगाल में नरेंद्र खरका, कृष्ण मुरारी कयाल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव, लोकेश सिंह, चिन्मय मंडल, नीरद बरन मंडल और दूसरों से जुड़े कई घरों, ऑफिसों, गैर-कानूनी टोल कलेक्शन बूथ और कोक प्लांट में तलाशी ली गई। CRPF जवानों के साथ ED के 100 से ज़्यादा अधिकारी तलाशी में शामिल थे।
ED की जांच पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई FIR पर आधारित है, जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच चल रही गैर-कानूनी कोयला तस्करी के मामले में हैं। FIR से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है, जिसमें झारखंड से पश्चिम बंगाल राज्य में बिना किसी वैलिड डॉक्यूमेंट के कोयले की गैर-कानूनी सप्लाई शामिल है। तलाशी के दौरान जब्त किए गए डॉक्यूमेंट और दूसरे रिकॉर्ड ने FIR में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है और इससे स्थानीय अधिकारियों (लोकल अथॉरिटी) की मदद से चल रहे एक ऑर्गनाइज्ड रैकेट की पहचान भी हुई है।
इससे पता चला है कि यह सिंडिकेट पश्चिम बंगाल और झारखंड के बॉर्डर इलाकों में बहुत एक्टिव है और इसने क्राइम से बहुत ज़्यादा कमाई की है। इसके अलावा, कई डायरियाँ और रजिस्टर भी मिले हैं जिनमें गैर-कानूनी कैश कलेक्शन और उनके बेनिफिशियरी का ब्यौरा है। पश्चिम बंगाल में 3 कोक प्लांट में की गई तलाशी के दौरान, गैर-कानूनी तरीके से रखे गए लगभग 7.9 लाख MT कोयला और कोयला एग्रीगेट की पहचान की गई। ईडी का कहना है कि आगे की जांच जारी है।












