👉 सिंडिकेट के मास्टरमाइंड-ऑपरेटर सहित 8 कोयला कारोबारियों को किया गया तलब
👉 पूछताछ के लिए इसी हफ्ते सीजीओ कॉम्प्लेक्स में हाजिर होने का सख्त निर्देश
आसनसोल/कोलकाता : कोयले के काले धंधे से “कोल किंग” बने कोयलांचल-शिल्पांचल के कारोबारियों की “शहंशाहत” पर खतरा पैदा हो गया है। कोयलांचल में काले हीरे की बदौलत “धन पशु” बने लोगों की हलक अब सूखने लगी है। आगे कौन-कौन से छुपे राज खुलेंगे? इसको लेकर परेशानी बढ़ी हुई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम कोल सिंडिकेट पर अब अंतिम प्रहार की तैयारियों में जुट गई है। इसी कड़ी में सिंडिकेट से जुड़े कोयला माफियाओं और कारोबारियों को समन भेजकर तलब किया जा रहा है। बता दे कि ईडी की टीम झारखंड के धनबाद से लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक काले हीरे के काले धंधे को खंगाल रही है। पहले दो चरणों के ऑपरेशन में रेड-तलाशी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तीसरे व अंतिम चरण में पूछताछ और गिरफ्तारी की कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के लिए 8 लोगों को तलब किया गया है। इनमें कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू उर्फ केके, नारायण नंदा उर्फ नरेन खरका और निरोद बरन मंडल जैसे दिग्गज शामिल है। इन सभी को इसी हफ्ते कोलकाता के सीजीओ दफ्तर स्थित एजेंसी के कार्यालय में बुलावा भेजा गया है। दावा किया जा रहा है कि ईडी की जांच अब अंतिम चरण पर पहुंच गई है। कई विस्फोटक सबूत हाथ लगे हैं। ऐसे में सिंडिकेट के कथित मास्टरमाइंड और ऑपरेटरों से पूछताछ कर कड़ियों को जोड़ने की कार्रवाई होगी। कोल सिंडिकेट ऑपरेटरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। सूत्रों ने बताया कि सवालों की फेहरिस्त तैयार हो चुकी है। असंतोषजनक जवाब पाए जाने पर गिरफ्तारी किए जाने की प्रबलता है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि मुख्यतः पांच मुद्दों पर ही सवाल जवाब केंद्रित होगा। इनमें पहला– सिंडिकेट सिस्टम और इसके ऑपरेशन व इससे जुड़े लोगों का पूरा ब्यौरा, दूसरा– प्रोटेक्शन मनी के तौर पर किन-किन प्रभावशाली लोगों तक मोटी रकम पहुंचाई जाती थी, तीसरा– रेड के दौरान मिले कागजी दस्तावेजों के आधार पर, चौथा– सर्च के दौरान बरामद डिजिटल डिवाइसों को इनके सामने ही डिकोड किया जाएगा, पांचवां– जिन लोकल अथॉरिटी का समर्थन और संरक्षण सिंडिकेट को प्राप्त था, उनमें कौन-कौन और किस स्तर के अधिकारी शामिल हैं? ईडी का दावा है कि लोकल अथॉरिटी के ही संरक्षण में बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर कोल सिंडिकेट एक्टिव था। प्रोटेक्शन मनी के तौर पर कई प्रभावशाली लोगों को मोटी रकम पहुंचाने का खुलासा बरामद दस्तावेजों से हुआ है। वहीं डिजिटल डिवाइसों से भी काफी गोपनीय तथ्य बरामद हुए हैं, जो राजनीतिक और कानूनी रूप से काफी अहम है। इन सारे तथ्यों के आधार पर सवाल-जवाब कर उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बीते 21-22 नवंबर को ईडी की टीमों ने राजधानी कोलकाता सहित इससे सटे हावड़ा, पुरुलिया और पश्चिम बर्दवान जिलों में कोयला माफियाओं के कुल 24 ठिकानों में एक साथ कार्रवाई की थी। सबसे ज्यादा ठिकाने शिल्पांचल में शामिल थे। यहां दुर्गापुर के 9 जगहों के अलावे रानीगंज, पांडवेश्वर और चौरंगी स्थित डीबूडीह चेकपोस्ट में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जांच की जद में मास्टरमाइंड कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू उर्फ केके, नारायण नंदा उर्फ नरेंद्र खरका, युधिष्ठिर घोष, नीरद बरन मंडल, श्याम सुंदर भालोटिया, चिन्मय मंडल, परवेज सिद्दीकी, लोकेश सिंह, शशि यादव और राजकिशोर यादव शामिल हैं।
इसके अलावे झारखंड में रांची से लेकर धनबाद तक 18 ठिकानों पर एक साथ ईडी की छापेमारी की गई थी। अधिकांश ठिकाने धनबाद में थे। यह कार्रवाई मुख्य रूप से कोयला-बालू के बड़े कारोबारी लाल बहादुर सिंह उर्फ एलबी सिंह के ठिकानों के अलावे उसके भाई कुंभनाथ सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमका, दीपक पोद्दार, हेमंत गुप्ता, अमर मंडल, बिनोद महतो और सन्नी केशरी के ठिकानों पर की गई थी।

इस दौरान जांच एजेंसी ने 14 करोड़ से अधिक की नकदी, आभूषण, और सोना जब्त किया। साथ ही, कोयला सिंडिकेट से जुड़ी संपत्ति के दस्तावेज, भूमि की खरीद-बिक्री के पेपर और कई डिजिटल उपकरण सहित पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए। जमीन-संपत्ति से संबंधित 120 डीड (दलील) बरामद हुई थी। ईडी ने खुलासा किया था कि मुख्य रूप केके-एलबी नेक्सस के द्वारा बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर कोल सिंडिकेट एक्टिव था, जिसे लोकल अथॉरिटी का पूर्ण संरक्षण व समर्थन प्राप्त था। दूसरे चरण की कार्रवाई में इसी महीने कोयला आउटसोर्सिंग-ट्रांसपोर्टिंग क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियों क्रमशः डेको इंजीनियरिंग और गोदावरी कमोडिटिज के परिसरों पर भी तलाशी ली गई थी। डेको आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक मनोज अग्रवाल, निदेशक एएन झा के साथ-साथ गोदावरी कंपनी के निदेशक व कोयला कारोबारी इंद्रराज भदौरिया, सुधीर चौटाला के घर व दफ्तर पर भी सर्च की गई थी।











