दो दिनों तक चली ED की रेड खत्म : कोयला सिंडिकेट के ठिकानों से ₹14 करोड़ जब्त

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👉 भारी मात्रा में गोल्ड ज्वैलरी, भूमि और संपत्ति के 120 दस्तावेज, डिजिटल उपकरण जब्त

कोलकाता/आसनसोल : कोयला कारोबारियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रही। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन, चोरी, परिवहन, स्टॉक और बिक्री से जुड़े एक विशाल सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। यह सिंडिकेट मुख्य रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय था। ईडी ने इस मामले में दोनों राज्यों में 42 परिसरों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी ने 14 करोड़ से अधिक की नकदी, आभूषण, और सोना जब्त किया। साथ ही, कोयला सिंडिकेट से जुड़ी संपत्ति के दस्तावेज, भूमि की खरीद-बिक्री के पेपर और कई डिजिटल उपकरण सहित पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए। जमीन-संपत्ति से संबंधित 120 डीड (दलील) बरामद हुई है। कोयला सिंडिकेट के मास्टरमाइंड माने जा रहे कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू के ठिकाने से ही करीब साढ़े तीन करोड़ नकद और छह करोड़ के गोल्ड ज्वैलरी मिले हैं। कयाल के कोलकाता स्थित ठिकानों में शनिवार को भी रेड जारी रही। उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। जानकार सूत्रों का दावा है कि कयाल के पास से साढ़े तीन करोड़ रुपए की बरामदगी मामूली बात है। वह अपने साथ कम से कम 5 करोड़ रुपए लेकर चलता है। उसके वाहन में भारी मात्रा में कैश हमेशा उपलब्ध रहते हैं। वहीं शिल्पांचल में सिंडिकेट के मुख्य ऑपरेटर लोकेश सिंह के ठिकाने से भी कैश बरामद होने की बात सामने आई है। हालांकि, ईडी की छापेमारी अब भी जारी है। ऐसे में एजेंसी का कहना है कि जांच पूरी हो जाने के बाद तमाम ब्योरा उपलब्ध कराया जाएगा। ईडी के 100 से अधिक अधिकारी केंद्रीय बलों के साथ इस व्यापक तलाशी अभियान में शामिल थे। शनिवार सुबह ईडी की एक टीम निरसा थाना क्षेत्र के तेतुलिया कोक प्लांट, तेतुलिया पहुंची। कोल कारोबारी अनिल गोयल के इस प्लांट में करीब डेढ़ दर्जन गाड़ियों पर सवार होकर ईडी की टीम पहुंची। टीम के साथ सीएमपीडीआइ और बीसीसीएल के अधिकारी भी शामिल थे। यह हार्ड कोक फैक्ट्री है, यहां कोयले के स्टॉक की मापी की गई।

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ईडी ने शनिवार को बताया कि उनकी जांच झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से दर्ज कई एफआईआर पर आधारित है। इन एफआईआर से संकेत मिला था कि पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा पर एक विशाल और संगठित नेटवर्क काम कर रहा है। जांच में यह अहम जानकारी सामने आई है कि यह रैकेट बिना किसी वैध कागजात के झारखंड राज्य से भारी मात्रा में कोयले की अवैध आपूर्ति पश्चिम बंगाल में कर रहा था।

ईडी के बयान में कहा गया है कि तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों ने एफआईआर में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है। ईडी ने यह भी पुष्टि की है कि यह रैकेट स्थानीय अधिकारियों की कथित मदद से संचालित हो रहा था।

यह सिंडिकेट सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहद सक्रिय है और अपराध से बड़ी आय अर्जित कर रहा था। अवैध नकदी संग्रह और उनके लाभार्थियों का विवरण रखने वाली विभिन्न डायरियां और रजिस्टर भी बरामद किए गए हैं।

बंगाल में कहां-कहां हुई छापेमारी

पश्चिम बंगाल में कुल्टी क डीबूडीह चेकपोस्ट, रानीगंज के सदानंद चक्रवर्ती लेन, पांडेश्वरके खोट्टडीह, दुर्गापुर के 9 ठिकानों, पुरुलिया के 2 कोक-प्लांटों, हावड़ा और कोलकाता में स्थित कुल 24 परिसरों पर तलाशी ली गई। इनमें विभिन्न आवासीय परिसर, कार्यालय, अवैध टोल संग्रह बूथ और कोक फैक्ट्रियां शामिल थीं।

🔹नारायण नंदा उर्फ नरेंद्र खड़का

🔹कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू

🔹युधिष्ठिर घोष

🔹राज किशोर यादव

🔹लोकेश सिंह

🔹श्याम सुंदर भालोटिया

🔹चिन्मय मंडल

🔹नीरद बरन मंडल

🔹रामधनी जायसवाल

🔹परवेज सिद्दीकी

🔹सुशांत गोस्वामी

🔹शशि यादव

🔹संजय ठठेरा

झारखंड में कहां-कहां हुई रेड

झारखंड में धनबाद और दुमका जिलों में स्थित 18 परिसरों पर छापेमारी की गई। ये परिसर मुख्य रूप से निम्नलिखित व्यक्तियों और उनसे जुड़ी कंपनियों से संबंधित थे।

🔹लाल बहादुर सिंह उर्फ एलबी सिंह

🔹कुंभनाथ सिंह

🔹अनिल गोयल

🔹संजय खेमका

🔹अमर मंडल

🔹दीपक पोद्दार

🔹हेमंत गुप्ता

🔹बिनोद महतो

🔹सन्नी केशरी

🔹अरविंद सिंह

🔹रमेश गोप

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