👉 तैयार की जा रही ‘संलिप्त अधिकारियों’ की सूची, नोटिस भेजकर मांगा जाएगा जवाब
कोलकाता/आसनसोल : बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर एक्टिव सिंडिकेट से जुड़े कोयला और बालू माफियाओं (बड़ी मछलियों) के खिलाफ जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब खुलासा किया है कि सिंडिकेट की काली कमाई का भारी निवेश इसके मास्टरमाइंड द्वारा फिल्मों में किया गया है। फिल्मों में ब्लैक मनी का निवेश कर धन को सफेद किया गया। अब इसकी कड़ी खंगाली जा रही है। किन-किन स्रोतों से पैसों को खपाकर धनशोधन किया गया। अविलंब ही इसका विस्तृत खुलासा किया जाएगा। इधर, ईडी सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले में कई ‘अफसरों’ की संलिप्तता भी उजागर हुई है। ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है, जिनका समर्थन व संरक्षण इस सिंडिकेट को प्राप्त था। उन अफसरों को भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
यहां बता दें कि ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के सेक्शन 17 के तहत 21-22 नवंबर के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड में 44 जगहों पर कोऑर्डिनेटेड बड़ी सर्च कार्रवाई की। यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर कोयले की गैर-कानूनी माइनिंग, चोरी, ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज और बिक्री के संबंध में की गई। सर्च कार्रवाई के दौरान, 14 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कैश और ज्वेलरी/सोना, साथ ही बड़ी मात्रा में सबूत मिले, जिसमें कोयला सिंडिकेट से जुड़ी कई प्रॉपर्टी डीड और ज़मीन की खरीद-बिक्री से जुड़े एग्रीमेंट, और कई डिजिटल डिवाइस, उन लोगों द्वारा कंट्रोल की जाने वाली एंटिटीज़ के अकाउंट बुक वगैरह शामिल हैं। इसके एक सप्ताह के बाद ईडी ने करीब 50 करोड़ रुपए के पुरुलिया के 3 प्लांटों में स्टॉक किए गए अवैध कोयले को भी जब्त किया गया है।
बीते 7-8 दिनों से जारी ईडी जांच के दौरान चल रही आंतरिक कार्रवाई ने पूरे नेटवर्क को फिलहाल कमजोर कर दिया है। फिलहाल बंगाल-झारखंड सिंडिकेट नेटवर्क के दोनों मास्टरमाइंडों से लेकर आधा दर्जन से ज्यादा ऑपरेटरों और उनसे जुड़े दर्जनों मेंबर फिलहाल अंडरग्राउंड (भूमिगत) बताए जा रहे हैं। कोलियरियों-ओसीपी में सिंडिकेट की कमान संभालने वालों के गुर्गे भी हताश हैं। बॉस लोगों से उन सभी का संपर्क नहीं हो पा रहा है। आगे क्या किया जाएगा? इससे संबंधित कोई नया निर्देश नहीं आने के कारण गुर्गों की निराशा भी बढ़ने लगी है। रंगदारी वसूली प्रभावित होने से परेशानी और बढ़ गई है। हालांकि कथित ‘लोकल अथॉरिटी’ ने भरोसा कायम रखा है कि कुछ ही दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। शिथिल पड़े सिंडिकेट को पुनर्जीवित करने की कोशिशें भी चल रही हैं। अंदरखाने के विश्वसनीय सूत्रों ने चौंकाने वाला दावा किया है कि सिंडिकेट की ओर से ईडी को मैनेज करने का भरसक प्रयास किया गया था। राज्य के एक बड़े वकील को इसका दायित्व सौंपा गया था। 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की गई थी। लेकिन, इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पाया है। ऐसे में सिंडिकेट के मास्टरमाइंड-ऑपरेटरों को अब आगे और भी बड़ी कार्रवाई का डर सताने लगा है। इधर, ईडी की इस कार्रवाई के बाद हार्ड कोक व्यापारी भी दहशत में हैं।
सिंडिकेट नेटवर्क की भूमिका को खंगाल रहे ईडी की टीम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान जो दस्तावेज और डायरियां बरामदग हुई है, उससे यह खुलासा हुआ है कि बड़े ही कोऑर्डिनेटेड तरीके से पूरा नेटवर्क बंगाल-झारखंड के बॉर्डर इलाकों से ऑपरेट किया जा रहा था। इससे होने वाली काली कमाई को कई जगहों तक पहुंचाया जाता था। मासिक 200 करोड़ की उगाही और अवैध कमाई की जा रही थी। काली कमाई की खेप दिल्ली, कोलकाता भी पहुंचाई जाती थी। 25 फीसदी दिल्ली और 25 फीसदी हिस्सा कोलकाता पहुंचता था। बाकी 50 फीसदी का बंदरबांट स्थानीय स्तर पर किया जाता था। इस पूरे सिंडिकेट को दो बड़े अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त था। सिंडिकेट ने मुख्य रूप से ईसीएल और बीसीसीएल को सॉफ्ट टार्गेट बना लिया था। सिंडिकेट में कुछ ऐसे सदस्य थे, जो आउटसोर्सिंग के तौर पर कोल कंपनियों से जुड़े हुए थे। यही नहीं, कई कोक-प्लांट के मालिकों को भी पैसों का लालच देकर उनके प्लांटों में अवैध कोयले को स्टॉक किया जाने लगा था। रोड पर भी इसका पूरा नियंत्रण था। रोड ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए बाकायदा अवैध टोल बूथ/चेक नाका प्वाइंट बनाए गए थे। यहां से रंगदारी वसूली के साथ ही अवैध कोयला लदे वाहनों को आसानी से पास भी कराया जाता था।
ईडी सूत्रों ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद डिजिटल डिवाइसों को डिकोड किया जा रहा है, इससे आगे और भी नये तथ्य सामने आ सकते हैं। फिलहाल एक डायरी से कुछ अहम तथ्य सामने आए हैं। इससे पता चला है कि सिंडिकेट की काली कमाई का निवेश फिल्मों में किया गया है। कई फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हाल के समय में रिलीज हो चुके हैं। वहीं 4 फिल्म बनकर तैयार हैं, जो जल्द ही रिलीज होने वाले थे। अब इसमें किए गए निवेश का स्रोत पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही एक अन्य डायरी में कुछ संदिग्ध नामों का उल्लेख भी मिला है। वहीं कोड वर्ड में कई अफसरों को चिह्नित किया गया है। इन कोड वर्ड की सत्यता जांची जा रही है। कुछ अधिकारियों के नामों का खुलासा हुआ है। ऐसे नामों की एक सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही उन सभी को नोटिस भेजकर उनका जवाब तलब किया जाएगा। एजेंसी की एक विशेष टीम डिजिटल डिवाइसों के विश्लेषणों पर विशेष जोर दे रही है, क्योंकि इनमें अहम तथ्य छिपे हो सकते हैं। साथ ही इस पर भी जोर दिया जा रहा है कि आखिर लोकल अथॉरिटी कैसे सिंडिकेट को संरक्षण दे रही थी? बदले में उन्हें सिंडिकेट से क्या लाभ मिल रहा था? इस पूरी भूमिका की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।












