आसनसोल |
कोयला क्षेत्र में कार्यरत लाखों भू-स्वामियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए भूमि अधिग्रहण मुआवजा नीति में ऐतिहासिक और प्रगतिशील बदलाव की घोषणा की है।
अब तक जहां 2 एकड़ जमीन देने पर एक व्यक्ति को नौकरी दी जाती थी, वहीं अब “एकमुश्त करोड़ों की राशि” या “मासिक वार्षिकी योजना” के रूप में मुआवजे के दो विकल्प दिए जाएंगे।
🔍 क्या है नई नीति?
➡️ एकमुश्त मुआवजा (OTL):
- 2 एकड़ पर न्यूनतम ₹89 लाख, प्रीमियम दर के अनुसार और अधिक संभव।
➡️ वार्षिकी योजना (अन्युत योजना):
- 45 वर्षों तक मासिक ₹44,000 से शुरू होकर ₹68,169 तक बढ़ेगी।
- हर साल 1% बढ़ोतरी सुनिश्चित।
- योजना भू-स्वामी या जीवनसाथी की मृत्यु तक मान्य।
यह नीति प्रो राटा आधार पर लागू होगी, यानी कम जमीन वाले लोग भी अनुपातिक लाभ ले सकेंगे।
🎯 किन्हें होगा सबसे अधिक लाभ?
- सीमांत किसान जिनके पास नौकरी योग्य जमीन नहीं थी।
- वे लोग जो स्वरोजगार, उद्यमिता या उच्च शिक्षा की ओर बढ़ना चाहते हैं।
- जिनके पास पहले से नौकरी या आय का स्रोत है, वे भी वार्षिकी योजना से निश्चित मासिक आमदनी पा सकेंगे।
🛠️ ईसीएल का समावेशी दृष्टिकोण:
ईसीएल न केवल मुआवजा देगी, बल्कि वित्तीय सलाह, कौशल विकास प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान भी चलाएगी ताकि लाभार्थी अपने पैसे का सही उपयोग कर सकें।
💬 ईसीएल प्रबंधन का क्या कहना है?
ईसीएल के प्रवक्ता ने कहा:
“हमारी नई नीति केवल मुआवजा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का माध्यम है। यह नीति न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा कदम होगी।”
🔥 क्यों है यह फैसला ऐतिहासिक?
- अब मुआवजा केवल नौकरी तक सीमित नहीं।
- सीमांत किसान भी सीधे करोड़पति बनने की राह पर।
- वार्षिकी योजना युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों दोनों के लिए फायदेमंद।