आसनसोल: रेल कर्मचारियों की आवाज़ अब और बुलंद हो चुकी है। शुक्रवार को ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ने आसनसोल रेल मंडल कार्यालय परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन रेलवे प्रशासन की श्रमिक विरोधी नीतियों, अनदेखी, और भेदभावपूर्ण फैसलों के खिलाफ था, जिसमें यूनियन के सैकड़ों सदस्य और पदाधिकारी शामिल हुए।
🎙️ यूनियन ने क्या कहा?
धरना स्थल से ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं ने तीखा हमला करते हुए कहा:
“रेल प्रशासन की नीतियाँ न केवल कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही हैं, बल्कि उनके मनोबल को भी गिरा रही हैं। समय पर प्रमोशन नहीं, शिकायतों की अनदेखी, और नियुक्तियों में अपारदर्शिता अब बर्दाश्त नहीं!”
🔥 मुख्य मांगें:
- ✅ वेतन विसंगतियों का समाधान
- ✅ स्थायी नियुक्तियों को प्राथमिकता
- ✅ ठेका प्रथा पर रोक
- ✅ कर्मचारियों के लिए बेहतर सुविधाएं
- ✅ प्रमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता
📣 आंदोलन होगा और उग्र!
यूनियन ने रेल प्रशासन को साफ चेतावनी दी:
“यदि जल्द हमारी मांगों पर अमल नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और भी व्यापक और उग्र रूप लेगा।”
🕊️ शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त प्रदर्शन:
- प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा
- कर्मचारियों ने एकजुटता और संघर्ष का संकल्प दिखाया
- कई विभागों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए, जिससे सामूहिक ताकत का एहसास हुआ
⚙️ रेलवे विकास तभी जब कर्मचारी सशक्त हों!
रेलवे के हर विकास कार्य में कर्मचारियों की भूमिका अहम है। लेकिन जब उन्हीं कर्मचारियों को नजरअंदाज किया जाए, तो असंतोष स्वाभाविक है।
📢 अब देखना यह है कि रेलवे प्रशासन इन मांगों को गंभीरता से लेता है या फिर आने वाले दिनों में यह आंदोलन किसी बड़े तूफान का संकेत बन जाएगा! ⚠️